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उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुंदर नगरी में विश्व हिंदू परिषद ने रविवार, 9 अक्टूबर को 'विराट हिंदू सभा' का आयोजन किया, जिसके मंच से हेट स्पीच (Delhi VHP Hate Speech) का जहर उगलने के आरोप लग रहे हैं. वक्ताओं में से एक- जगत गुरु योगेश्वर आचार्य- ने एक समुदाय विशेष के खिलाफ वहां मौजूद लोगों को भड़काते हुए गर्दन काटने और हाथ काटने का आह्वान किया. हेट स्पीच के इस मंच पर विवादस्पद भाषण देने वालों में बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) और लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी शामिल थे.
कथित तौर पर इस 'विराट हिंदू सभा' का आयोजन मनीष नाम के एक युवक की चाकू मारकर की गयी हत्या के खिलाफ किया गया था. मनीष की हत्या उसी सुंदर नगरी में हुई थी जहां के रामलीला मैदान में रैली आयोजित की गयी थी.
आचार्य योगेश्वर ने अपने संबोधन में एक समुदाय को टारगेट करते हुए कहा कि "सबसे निवेदन है कि जहां भी ऐसे लोग हमारे मंदिरों-मठों को, हमारे हिंदू परिवार के भाइयों-बहनों को कहीं भी उंगली दिखाए तो उनकी उंगली मत काटों, उनका हाथ काटों. अगर जरूरत पड़े तो उनका गला भी काट दो."
पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने भी विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि मनीष की हत्या "जिहादी तत्वों" के कारण हुई है. वर्मा ने कहा कि जिहादी तत्व बकरीद जैसे त्योहारों के जरिये अपने बच्चों में नफरत भरते हैं. पुलिस और हिंदू चाहें तो ऐसे लोगों को 24 घंटे के भीतर सबक सिखा दें. लेकिन हम कानून-व्यवस्था में यकीन करते हैं.
इसके अलावा गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भी विवादस्पद बयान दिए. उन्होंने अपने भाषण में न सिर्फ मॉब लिंचिंग में मरे अखलाक के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया बल्कि ओखला से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के लिए भी अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया.
'विराट हिंदू सभा' का आयोजन कथित तौर पर दिल्ली की सुंदर नगरी में 25 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के विरोध में की गई थी. मनीष सुंदर नगरी का ही निवासी था और उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार तीन मुख्य संदिग्ध अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. हालांकि, पुलिस ने हत्या के किसी भी सांप्रदायिक एंगल से इनकार किया है और कहा है कि हत्या की वजह पुरानी रंजिश लग रही है.
एक साल पहले मनीष का मोबाइल फोन छीन लिया गया था और उसके गले और पेट पर चाकू से हमला किया गया था. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि उनके परिवार के सदस्य लगातार मनीष पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे. हालांकि मनीष ने कोर्ट में अपनी गवाही दी. तीन दिन बाद उसकी घर के बाहर हत्या कर दी गई.
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