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वीडियो एडिटर- संदीप सुमन
दिल्ली में हिंसा की ऐसी-ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं जो दिल दहला देते हैं. घरों, दुकानों, मस्जिदों में तोड़फोड़, आगजनी अब कुछ घर तो वहां खंडहर से दिखने लगे हैं. लोगों की शिकायते हैं कि हिंसा करने वालों ने लूटपाट भी की. अब यहां एक बात समझनी होगी कि दांव पर सिर्फ हिंदू-मुस्लिम एकता नहीं है. दांव पर है दिल्ली पुलिस और प्रशासन पर भरोसा. दिल्ली और केंद्र सरकार के वो तमाम दावे और वादे हैं.
मौजूदा हालात के बारे में बात करें तो 24 और 25 फरवरी को जितनी आगजनी, पथराव और हिंसा की खबरें आ रही थीं, 26 फरवरी को हालात थोड़े सामान्य दिख रहे हैं. जाफराबाद, मौजपूर, चांदबाग, मुस्तफाबाद, करावलनगर जैसे इलाकों से अब हिंसा और पथराव की खबरें नहीं आ रही हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 26 जनवरी को कहीं से किसी नई हिंसा की खबर नहीं है, 18 FIR दर्ज हुए हैं 106 लोग गिरफ्तार हैं.
26 फरवरी को ऐसा लगा कि कमान एनएसए अजित डोभाल ने संभाल ली है. मंगलवार रात के बाद बुधवार को भी एनएसए एक बार फिर हिंसा प्रभावित इलाकों की सड़क पर पहुंचे. उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के कुछ इलाकों का दौरा किया और कहा कि उन्हें पीएम और गृहमंत्री अमित शाह ने भेजा है. उन्होंने कहा कि हम पीएम और गृहमंत्री के हुक्म की तामील कर रहे हैं.
अब जब बात पुलिस की हो रही है तो एक बात तो कहना पड़ेगा ही इस हिंसा ने पुलिस की क्रेडिबिलिटी पर बड़े सवाल उठाए हैं. एक वीडियो में तो खुद दिल्ली पुलिस के कुछ जवान कुछ लोगों को पीटते और राष्ट्रगान बुलवाते दिख रहे हैं.अब जरा ये बताइए कि जब ऐसे वीडियो आएंगे तो कोई कैसे आप पर भरोसा करेगा.
दिल्ली पुलिस की क्रेडिबिलिटी को तब भी बहुत ठेस पहुंची जब 26 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पुलिस को जमकर लताड़ा. कोर्ट का कहना है कि पुलिस खुद पर्याप्त कार्रवाई क्यों नहीं कर रही. क्या इसके लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है?कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि दिल्ली में एक और 1984 नहीं होने देंगे.
कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या पुलिस ने भड़काऊ भाषण वाले तीनों वीडियो देखे हैं, इस पर पुलिस की तरफ से जवाब आया कि कपिल मिश्रा वाला वीडियो नहीं देखा है. बाकी के दो वीडियो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के थे. एक में गोली मारो के नारे थे और दूसरे शाहीन बाग वाले रेप कर देंगे, ऐसी चेतावनी. कपिल मिश्रा वाले वीडियो पर कोर्ट ने कहा कि वो हैरान है आखिर उस वीडियो में मिश्रा के साथ दिख रहा पुलिस ऑफिसर कौन हैं.
ऐसा नहीं है कि इस हिंसा की शिकार खुद पुलिस नहीं हुई है. दिल्ली पुलिस का एक जवान भी इस हिंसा में शहीद हुआ है,,50 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. एक आईबी ऑफिसर की भी मौत हुई. एक तो दिल्ली पुलिस के ASI ने खुद हमसे यानी क्विंट से कहा कि वो ड्यूटी छोड़कर अपने परिवार की सुरक्षा के लिए घर पर ही है.
अब सियासत की बात. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से फ्री होने के बाद पीएम मोदी ने चुप्पी तोड़ी. ट्वीट किया कि कृपया शांति बनाए रखें. लेकिन अमित शाह फिर भी चुप रहे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सवाल उठाया कि आखिर गृहमंत्री कहां हैं. हालांकि बीजेपी ने इसका जवाब भी दिया कि शाह दिल्ली में शांति बहाल करने के लिए लगातार पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि शाह ने तो एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस के नेता भी शामिल थे.
केजरीवाल की कोताही पर सवाल उठ रहे हैं. ये सही है कि दिल्ली की पुलिस केंद्र के पास है लेकिन क्या इसीलिए केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने बंपर जीत दिलाई थी कि वो नेपत्थय से आवाज देते रहें.
क्यों उन्होंने सेना बुलाने की मांग पहले नहीं की, क्यों वो अपने चीर परिचित अंदाज में धरने पर नहीं बैठ गए. आखिर जान उनकी जा रही थी, जिनका वो खुद को बेटा बताते हैं.
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