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दिल्ली हिंसा को लेकर बीजेपी नेताओं पर एफआईआर की मांग वाली याचिका पर सुनवाई फिर टाल दी गई है. हाईकोर्ट अब इस मामले पर 12 मार्च को सुनवाई करेगा. मामला पहले भी हाईकोर्ट गया, लेकिन सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी गई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश जारी करते हुए कहा कि इस मामले को टाला न जाए और 6 मार्च को सुनवाई हो.
बता दें कि दिल्ली हिंसा में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब 1800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है.
बता दें कि इस मामले को लेकर सीनियर एडवोकेट कोलिन गोन्जाल्विस ने याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि दिल्ली हिंसा के लिए बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयान जिम्मेदार हैं. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की.
हाईकोर्ट से मामले की सुनवाई टलने के बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए. इसीलिए हाईकोर्ट को कहा गया कि वो 6 मार्च शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करे.
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि हाईकोर्ट का सुनवाई के लिए लंबी तारीख तय करना सही नहीं है. इस मामले को इतने लंबे वक्त तक टालना सही नहीं है.
दिल्ली हिंसा से ठीक एक दिन पहले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने पुलिस के सामने खड़े होकर एक धमकी दे डाली थी. दिल्ली पुलिस के डीसीपी के सामने मिश्रा ने कहा था कि अगर तीन दिन के अंदर सड़कों को संशोधित नागरिकता विरोधी प्रदर्शनकारियों से खाली नहीं कराया गया तो वो अपने समर्थक के साथ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इसके बाद वो पुलिस की भी नहीं सुनेंगे.
वहीं दिल्ली चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने गोली मारो के नारे लगवाए थे. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘देश के गद्दारों को...’ नारा लगाया जिस पर उनके समर्थकों ने नारे को पूरा करते हुए कहा- ‘गोली मारों *** को...’. ठाकुर के अलावा दिल्ली से बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग को लेकर विवादित बयान दिए थे.
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