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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को घोषणा की कि विद्यार्थियों के मन में देश प्रेम पैदा करने के लिए अगले साल सरकारी स्कूलों में ’देशभक्ति’ का नया पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा.
‘संविधान के सत्तर साल’ अभियान शुरू करने के मौके पर केजरीवाल ने कहा कि यह फैसला मंगलवार को उनके और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बीच हुई बैठक के दौरान लिया गया है. सिसोदिया के पास राज्य के शिक्षा मंत्री का प्रभार भी है.
यह अभियान सभी सरकारी स्कूलों में चलाया जाएगा और यह 26 नवंबर को समाप्त होगा क्योंकि भारत ने संविधान का अंगीकार 26 नवंबर, 1949 को किया था. छठी से लेकर नौवीं कक्षा और 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्रा इस अभियान में हिस्सा लेंगे.
केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमारे बच्चे जब बड़े होंगे और काम करना शुरू करेंगे और किसी समय अगर वह रिश्वत लेंगे तो उन्हें यह जरूर महसूस होना चाहिए कि उन्होंने अपनी ‘भारत माता’ को धोखा दिया है. जब वह यातायात का नियम तोड़ें तो उन्हें लगे कि उन्होंने अपने देश के साथ गलत किया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों को देश के गौरव के बारे में जरूर पढ़ाया जाना चाहिए. प्रत्येक बच्चे को उसकी जिम्मेदारी और देश के प्रति कर्तव्यों से अवगत कराना चाहिए. भारत के सामने सैंकड़ों समस्याएं हैं. हम गरीब हैं, हमारे किसान आत्महत्या कर रहे हैं. लेकिन ये सारी समस्याएं कौन सुलझाएगा? हमें ही इसके समाधान तलाशने होंगे.’’
केजरीवाल ने कहा कि यह पाठ्यक्रम 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर‘ सबसे बड़ा तोहफा’ है. आम आदमी पार्टी सरकार ने ‘देशभक्ति’ पाठ्यक्रम की घोषणा अगले साल होने वाले चुनाव से पहले किया है.
(इनपुटः PTI)
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