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नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के वायरल वीडियो को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार को खुद यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले की जांच के लिए मेरठ एडीजी को 15 दिन का वक्त दिया गया है.
एसएसपी गौतमबुद्धनगर के लिखे पत्र में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर रैकेट में शामिल होने की बात पर यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा-
एसएसपी वैभव कृष्णा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर एक बड़े पुलिस पोस्टिंग रैकेट की सूचना दी है. चिट्ठी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में जिला कप्तान की पोस्ट के लिए 50 लाख से 80 लाख रुपये तक की रिश्वत चलती है. एसएसपी का दावा है कि सूबे के 5 आईपीएस अफसर इस रैकेट में शामिल हैं.
यूपी के डीजीपी और सीएम के प्रधान सचिव के नाम लिखे गए इस खत में वैभव कृष्णा ने 5 आईपीएस अफसरों की मोबाइल फोन रिकॉर्डिंग का खुलासा किया है. दी गई जानकारी में एसएसपी मेरठ की पोस्टिंग के लिए एक आईपीएस अफसर और एक पावर-ब्रोकर के बीच व्हाट्सएप मैसेज के आदान-प्रदान का जिक्र है, जो 80 लाख रुपये की घूस को लेकर थी.
एसएसपी वैभव कृष्णा ने आईएएनएस को बताया कि ट्रांसफर पोस्टिंग के हाई-प्रोफाइल रैकेट की जानकारी उन्होंने सरकार को पिछले महीने दी थी.मुख्यमंत्री को इस रैकेट की जानकारी देने के बाद से सिंडिकेट मेरे पीछे पड़ा हुआ है. हाल में उन्होंने मेरी छवि खराब करने के लिए 3 वीडियो क्लिप्स पर मेरी तस्वीरें लगाकर एक ‘मॉर्फ्ड वीडियो’ जारी किया है.
1 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर एक ‘‘मॉर्फ्ड वीडियो’’ जारी किया है, जिसमें उनकी तस्वीर के साथ एक महिला की आवाज आ रही है.
उन्होंने बताया था कि इस मामले में उन्होंने नोएडा थाना सेक्टर-20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट और विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है. एसएसपी ने कहा था कि उन्होंने आईजी मेरठ जोन से निवेदन किया है कि इस मामले की जांच जनपद गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के अलावा किसी अन्य जनपद की पुलिस से कराई जाए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.
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