Home News India मुंबई की एक लड़की की नजर से फिल्मी दुनिया की बोल्ड ‘क्वींस'
मुंबई की एक लड़की की नजर से फिल्मी दुनिया की बोल्ड ‘क्वींस'
जेंडर इक्वलिटी को लेकर फिल्मों में गंभीर सोच दिखने लगी है.
कौशिकी कश्यप
भारत
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शिवानी गोर्ले की ‘क्वीन्स आॅन स्क्रीन’. (फोटो: Facebook/Instagram)
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फिल्म इंडस्ट्री में महिला किरदारों को उनकी सही जगह और पहचान पाने के लिए काफी लंबा सफर तय करना पड़ा है. लेकिन धीरे-धीरे इसमें बदलाव आने शुरू हुए हैं. फिल्म इंडस्ट्री ने पर्दे पर एक्ट्रेस को बोल्ड और दमदार रूप में आने का मौका देना शुरू कर दिया है. जेंडर इक्वलिटी को लेकर फिल्मों में गंभीर सोच दिखने लगी है.
शिवानी गोर्ले मुंबई की एक 21 साल की लड़की. शिवानी ने अपनी इसी सोच को कला के जरिए सोशल मीडिया फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाना शुरू किया. शिवानी का मानना है कि फिल्म जगत में फेमिनिज्म को लेकर एक लहर चली है.
‘क्वीन्स आॅन स्क्रीन’ नाम से उन्होंने डिजिटल इलस्ट्रेशन की एक सीरीज शुरू की. इस सीरीज में उन्होंने बाॅलीवुड और हाॅलीवुड फिल्मों में दमदार किरदार निभाने वाली महिला कलाकारों की तस्वीरों को शामिल किया है.
शिवानी बिना किसी पेशेवर ट्रेनिंग के एडोब इलस्ट्रेटर का उपयोग कर तस्वीरों को बनाती हैं. उनके इलस्ट्रेशन में फिल्म के किरदार का सबसे बोल्ड डायलाॅग का भी उन्होंने इस्तेमाल किया है.
अपने काम के माध्यम से शिवानी यह बताना जाहती हैं कि फिल्में अब सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव का साधन बन चुकी हैं.
'मैं अपने हनीमून पर अकेले आई हूं'
फिल्म क्वीन (2013) में रानी के किरदार में कंगना रनोट
'मैं अपनी फेवरेट हूं'
फिल्म जब वी मेट (2007) में गीत के किरदार में करीना कपूर
'थैंक यू फाॅर टीचींग मी हाऊ टू लव माईसेल्फ'
शुक्रिया मुझे खुद से प्यार करना सीखाने के लिए.
फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश (2007) में शशि के किरदार में श्रीदेवी.
'मस्तानी अपनी तकदीर खुद लिखती है'
फिल्म बाजीराव-मस्तानी (2015) में मस्तानी के किरदार में दीपिका पादुकोण.
'जब जिंदगी एक बार मिलती है तो दो बार क्यूं सोचे'
फिल्म डर्टी पिक्चर (2011) में सिल्क के किरदार में विद्या बालन.
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'ललुआ नहीं हैं हम, हाॅकी चैंपियन'
फिल्म उड़ता पंजाब (2016) में कुमारी के किरदार में आलिया भट्ट.