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कोलकाता से नई दिल्ली जा रहीं चार दिव्यांग कार्यकर्ताओं को एयरपोर्ट पर लगभग घंटे भर सुरक्षाकर्मियों और एयरलाइंस स्टाफ के असंवेदनशील रवैये की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा. इनमें से एक को ट्राउंजर उतारने तक के लिए कहा गया.
पहले तो सेरिब्रल पाल्सी से जूझ रही जीजा घोष को एयरपोर्ट वील चेयर के लिए काफी इंतजार करना पड़ा, इसके बाद CISF स्टाफ ने उनसे कहा कि वे अकेले यात्रा नहीं कर सकतीं. ग्रुप में शामिल कुहू दास कैलिपर पहनती हैं. जब मेटल डिटेक्टर ने बीप किया तो उनसे ट्राउंडर उतारने के लिए कहा गया.
विकलांगता पर संयुक्त राष्ट्र के इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए ये लोग दिल्ली आ रहे थे. ग्रुप में जीजा घोष और कुहू दास के साथ विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता संपा दासगुप्ता और मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता रत्नाबोली रे भी थीं.
जीजा घोष ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को अपनी आपबीती बताई.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, CISF के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि "सीसीटीवी फुटेज को देख कर उस महिला अधिकारी का पता लगा लिया है जिसने दास को ट्राउजर उतारने को कहा.
घटना पर एयरलाइंस कंपनी गो एयर ने माफी मांगते हुए कहा है कि - ‘’वील चेयर में इसलिए देर हुई क्योंकि इसे पहले से बुक नहीं किया गया था. जब महिला ने व्हीलचेयर मांगी तो हमने उन्हें मुहैया कराया. इसमें कुछ मिनट लगे. बाद में उन्हें बाइज्जत जहाज में बिठाया गया. व्हीलचेयर में देरी के लिए हमने महिला से माफी मांगी है.
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