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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को दिल्ली की एक कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने हालांकि, उन्हें पहले अस्पताल ले जाने के निर्देश दिए और कहा है कि एडमिट करने की जरूरत हो तो उन्हें एडमिट कराया जाए वरना तिहाड़ जेल ले जाया जाए.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 17 सितंबर को डीके शिवकुमार को 1 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत भेजने का फैसला सुनाया.
ईडी ने शिवकुमार से पूछताछ के लिए कोर्ट से और समय मांगा था. ईडी की तरफ से कोर्ट में अतिरिक्त सॉलिसिटर केएम नटराज ने कोर्ट में बताया कि उनके स्वास्थ्य के चलते ज्यादा पूछताछ नहीं हो पाई है.
वहीं, शिवकुमार के वकील एएम सिंघवी ने स्वास्थ्य के आधार पर उनकी जमानत की मांग की. सिंघवी ने कहा कि उनकी सेहत ठीक नहीं है और उन्हें दिल का दौरा पड़ सकता है. उन्होंने कोर्ट में ये भी कहा कि शिवकुमार की मेडिकल कंडीशन उन्हें किसी भी तरह की न्यायिक हिरासत में रहने की इजाजत नहीं देती.
शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 सितंबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार और नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी हनुमंथैया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था.
ये मामला आयकर विभाग ने शिवकुमार के खिलाफ पिछले साल दाखिल एक चार्जशीट के आधार पर दर्ज किया गया है. बेंगलुरु की विशेष अदालत में दाखिल इस चार्जशीट में शिवकुमार पर टैक्स चोरी और हवाला के जरिए करोड़ों रुपये के लेनदेन करने का आरोप लगाया गया है.
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