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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-नोएडा टोल फ्लाईओवर (DND) को फ्री करने का आदेश दिया. DND को फ्री करने के लिए फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोशियेशन ने 2012 में जनहित याचिका डाली थी. हाई कोर्ट ने 8 अगस्त को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायाधीश अरुण टंडन और न्यायाधीश सुमिता अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि डीएनडी फ्लाईवे पर अब से वाहनों को टोल टैक्स अदा करने की जरूरत नहीं है.
इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब तक 80 बार सुनवाई हो चुकी है. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि टोल मैनेज करने वाली कंपनी ने टोल बनाने की लागत काफी समय पहले निकाल ली है.
नोएडा टॉल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) ने फ्लाइओवर को बनवाया था. NTBCL की प्रॉमोटर कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विस लिमिटेड को 2031 तक इस फ्लाइओवर की देखरेख और संचालन का काम दिया गया था.
कोर्ट ने कहा कि कंपनी यात्रियों से लागत से पांच गुना ज्यादा टैक्स ले चुकी है. फ्लाइओवर 407 करोड़ रुपये में बना जबकि कंपनी ने 2200 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्ट किया.
टोल वसूलने वाली कंपनी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दे सकती है.
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