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टैक्स रिटर्न भरने के लिए अब आधार नंबर देना जरूरी हो गया है. लेकिन सिर्फ टैक्स रिटर्न भरने के दौरान ही नहीं, देश के तमाम बैंक भी अपने ग्राहकों को खाते से आधार कार्ड नंबर जोड़ने की गुजारिश कर रहे हैं.
1.13 बिलियन भारतीयों के पास आज आधार कार्ड है. इसी साल के शुरुआत में टैक्स रिटर्न भरने के दौरान आधार कार्ड नंबर देना अनिवार्य किया गया है. मगर यह मामला अभी कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना आखिरी फैसला देगी. जबकि आरबीआई नियमों के अनुसार, केवाईसी के लिए छह दस्तावेजों में से किसी एक दस्तावेज का देना अनिवार्य है, जिसमें आधार कार्ड भी एक है.
हालांकि कुछ बैंको ने आधार जरूरी कर दिया है. आईडीबीआई बैंक ने अपने ग्राहकों को ईमेल भेजकर कहा कि बैंक खातों से आधार जोड़ना अब अनिवार्य है.
आईडीबीआई बैंक की तरफ से एक ग्राहक को भेजी गयी ईमेल कॉपी -
कुछ ग्राहकों ने ट्विटर पर बैंक से अपनी शिकायत दर्ज की. उन्होंने बैंक से पूछा कि वो आधार कार्ड को कैसे अनिवार्य कर सकते हैं? इस पर बैंक की तरफ से जवाब आया कि बैंक खाते से आधार जोड़ना अनिवार्य नहीं है, बैंक ऐसा सिर्फ ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए कर रही है.
दूसरे बैंकों से भी पूछा गया, तो उन्होंने भी आधार कार्ड को खाते से जोड़ने के लिए अनिवार्य शब्द का इस्तेमाल नहीं किया.
हां, बैंकों को इजाजत है, लेकिन कुछ नियम है. आधार एक्ट 2016 कहता है कि प्राइवेट एजेंसी जैसे- बैंक केवाईसी के लिए ग्राहकों से आधार नंबर ले सकती है.
साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि वेल्फेयर स्कीमों का फायदा लेने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है.
आधार एक्ट ने बैंकों को आधार कार्ड अनिवार्य करने के फैसले पर रोक नहीं लगाई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, केवाईसी के लिए निर्धारित छह दस्तावेजों में से किसी एक दस्तावेज देना अनिवार्य है. यह छह दस्तावेज है- पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और एनआरईजीए जॉब कार्ड.
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