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गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफील खान (Kafeel Khan) को भड़काऊ भाषण मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉक्टर कफील खान के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसीडिंग (आपराधिक कार्यवाही) को रद्द कर दिया है.
कफील खान ने अदालत के आदेश पर कहा, मेरी जिस स्पीच को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये देश तोड़ने वाला नहीं, बल्कि देश जोड़ने वाला भाषण था, प्यार और भाईचारे का भाषण था, लेकिन अफसोस है कि जिन लोगों की मानसिकता अली और बजरंगबली में बांटने वाली है, श्मशान-कब्रिस्तान में बांटने वाली है, जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटते हैं उन्हें मेरा भाईचारे और प्यार का भाषण भड़काऊ लगा.
कफील खान ने कहा कि मेरे खिलाफ अदालत ने चार्जशीट और क्रिमिनल प्रोसीडिंग को खत्म करने का आदेश दिया.
1 सितंबर 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7 महीने से जेल में बंद कफील खान के खिलाफ रासुका हटाने का आदेश देते तुरंत रिहा करने के भी आदेश दिया था. कोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर के भाषण में नफरत या हिंसा को बढ़ावा देने जैसा कोई प्रयास नहीं नजर आया था.
कफील खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद कहा,
बता दें कि साल 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर खान को निलंबित कर दिया गया था. सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण कई बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई थी.
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