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पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अल्टीमेटम को खारिज कर दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी.
बता दें, बंगाल में जूनियर डॉक्टर कोलकाता के एक अस्पताल में इंटर्न पर हुए हमले को लेकर अपने साथी डॉक्टरों के साथ तीन दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
कोलकाता में मेंबर ऑफ ज्वॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर से मुलाकात के बाद कहा, “हम हर एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पर्याप्त सुरक्षा की मांग करते हैं. हम चाहते हैं कि 10 जून को NRS अस्पताल में डॉक्टर्स पर हमला करने वालों पर एक्शन लिया जाए. जैसे ही हमारी मांगे मान ली जाएंगी हम काम पर लौट जाएंगे.”
पश्चिम बंगाल में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल से पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं. ऐसे में अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने के लिए चार घंटे का अल्टीमेटम दिया है. बनर्जी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हड़ताली डॉक्टर दी गई समय सीमा के अंदर काम पर नहीं लौटते हैं, तो उन पर 'कड़ी कार्रवाई' की जाएगी.
ममता बनर्जी ने इमरजेंसी विभाग के बाहर अस्पताल की लॉबी में इंतजार कर रहे कुछ मरीजों से बातचीत की और अस्पताल के अधिकारियों को फोन पर निर्देश दिया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों ने 'वी वांट जस्टिस' की मांग करते हुए नारे लगाना जारी रखा.
जूनियर डॉक्टरों ने हवा में पोस्टर और तख्तियां भी लहराईं, जिस पर लिखा था, 'वी वांट सेफ वर्कप्लेस' और 'हम पर हमला करने वालों को सजा दें.'
विरोध प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों से बातचीत करते हुए ममता बनर्जी ने कहा-
ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने जूनियर डॉक्टरों पर हमले की निंदा की है, लेकिन डॉक्टर होने की वजह से वे अपनी सेवाएं नहीं रोक सकते.
उन्होंने कहा, "यहां तक कि पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी के दौरान मारे जाते हैं, लेकिन वे धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकते."
ममता ने कहा-
कोलकाता के सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार की रात एक मृत मरीज के परिवार के सदस्यों ने दो जूनियर चिकित्सकों पर क्रूर हमला किया, जिसके खिलाफ डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस मुद्दे को लेकर राज्यभर के चिकित्सकों ने बुधवार से ओपीडी में काम बंद कर दिया है.
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