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देश में 1 जून से घरेलू हवाई यात्रा महंगी होने जा रही है. इसके साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया है कि एयरलाइंस एक जून से, अपनी COVID-19 से पहले संचालित घरेलू उड़ानों की केवल 50 फीसदी उड़ानों को संचालित कर सकती हैं, जबकि अभी 80 फीसदी की अनुमति है.
सरकार ने जब पिछले साल दो महीने के लंबे अंतराल के बाद 25 मई को भारत में निर्धारित घरेलू उड़ानें फिर से शुरू की थीं तो मंत्रालय ने एयरलाइन कंपनियों से कहा था कि वे अपनी COVID-19 से पहले की घरेलू सेवाओं में से 33 फीसदी से ज्यादा का संचालन नहीं कर सकतीं. पिछले साल दिसंबर तक इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 80 फीसदी कर दिया गया था.
शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस सीमा को 80 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया. यह कमी 1 जून से लागू होगी.
सरकार के शुक्रवार के आदेश की वजह से 1 जून से बहुत सी उड़ानें रद्द हो सकती हैं. पहले से बुक हुई ऐसी उड़ानों के यात्रियों के लिए एयरलाइंस या तो दूसरी उड़ान की व्यवस्था करेंगी या फिर उन्हें रिफंड करेंगी. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ज्यादातर घरेलू एयरलाइंस अब बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उड़ान में बदलाव की पेशकश कर रही हैं.
सरकार ने हवाई किराये की निचली सीमा में 13 से 16 फीसदी बढ़ोतरी का फैसला किया है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक, हवाई यात्रा किराये में यह वृद्धि एक जून से प्रभाव में आ जाएगी.
हालांकि, हवाई किराये की ऊंची सीमा को, पहले की तरह ही रखा गया है. माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से एयरलाइन कंपनियों को मदद मिलेगी. COVID-19 की दूसरी लहर के कारण हवाई यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है, जिससे उनकी आय घटी है.
60-90, 90-120, 120-150, 150-180 और 180-210 मिनट की अवधि की घरेलू उड़ानों के लिए क्रमशः 4000 रुपये, 4700 रुपये, 6100 रुपये, 7400 रुपये और 8700 रुपये की निचली सीमा होगी.
(PTI के इनपुट्स समेत)
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