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पीएम नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर झंडा फहराया और उसके बाद देश को संबोधित किया. हर साल की तरह इस बार भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. हालांकि, एक डिवाइस था जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. ये डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) का बनाया हुआ एंटी-ड्रोन सिस्टम है.
इस साल DRDO के इस एंटी-ड्रोन सिस्टम को लाल किले के पास तैनात किया गया था. ये सिस्टम 3 किमी तक के माइक्रो ड्रोन का पता लगा सकता है और उन्हें जैम कर सकता है.
DRDO का एंटी-ड्रोन सिस्टम 1-2.5 किलोमीटर तक किसी भी टारगेट को लेजर के जरिए गिरा सकता है. ये सिस्टम पल भर में ड्रोन के खतरे का पता लगाने में सक्षम है और उसके बाद उस खतरे को खत्म भी कर सकता है. ड्रोन अधिकतर छोटे साइज के अनमैन्ड एरियल व्हीकल होते हैं, जिन्हें रिमोटली कंट्रोल किया जाता है.
देश के पश्चिम और उत्तरी सेक्टर में ड्रोन की गतिविधियां बढ़ने के खिलाफ ये सिस्टम प्रभावी साबित हो सकता है.
इस काउंटर ड्रोन सिस्टम को पहली बार इस साल की रिपब्लिक डे परेड में सुरक्षा कवर देने के लिए इस्तेमाल किया गया था. परेड में ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो भी मौजूद थे.
इसके बाद इस सिस्टम की तैनाती अहमदाबाद में भी हुई थी, जब पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रोडशो हुआ था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के गावों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के विस्तार से लेकर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन तक का ऐलान किया है. अपनी स्पीच में उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर, कोरोना वैक्सीन और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे मुद्दों का भी जिक्र किया है.
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