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द्रौपदी मुर्मू के रूप में भारत को अपनी पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति मिल गयी है. द्रौपदी मुर्मू की जीत की आधिकारिक घोषणा भी हो गयी है. राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को 64 फीसदी वोट मिले हैं जबकि यशवंत सिन्हा को केवल 36 फीसदी वोट मिले. राष्ट्रपति चुनाव में इसके बाद विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने भी भारत की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी है.
यशवंत सिन्हा ने ट्वीट करते हुए कहा कि
ट्वीट के साथ शेयर किये गए लेटर में यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव में मिली अपनी इस हार से जुड़ी 2 अच्छी बातें भी बताई हैं. उन्होंने लिखा कि "पहला इसने अधिकांश विपक्षी दलों को एक समान मंच पर लाया है. यह वास्तव में समय की मांग है और मैं उनसे ईमानदारी से अपील करता हूं कि राष्ट्रपति चुनाव से परे विपक्षी एकता को जारी रखें, वास्तव में, और उसे मजबूत करें. यह उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी समान रूप से स्पष्ट होना चाहिए."
दूसरी अच्छी बात बताते हुए उन्होंने लिखा कि
यशवंत सिन्हा ने आगे लिखा कि "इन संस्थानों का इस्तेमाल दल-बदल कराने और विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारों को गिराने के लिए हो रहा है. भारत ने कभी भी इस स्तर राजनीतिक भ्रष्टाचार नहीं देखा है".
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