advertisement
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी सरकार में हुए 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच के सिलसिले में लखनऊ स्थित छह ठिकानों पर छापे मारे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये छापे इंजीनियर और ठेकेदारों के ठिकानों पर मारे गए हैं.
प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने राजधानी लखनऊ के गोमती नगर, अलीगंज, हजरतगंज और शहीदपथ इलाके में छापेमार कार्रवाई की है.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने मायावती सरकार के दौरान बने स्मारकों से जुड़े घोटाले के मामले में कार्रवाई की है. स्मारकों के निर्माण से जुड़ी फर्मों और निर्माण निगम इंजीनियरों समेत कई लोगों के ठिकाने खंगाले जा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के अलावा यूपी के दूसरे शहरों में भी ये कार्रवाई की गई है.
प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई को चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच काफी समय से कर रहा है. लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुई कार्रवाई पर संदेह जताया जा रहा है.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने लखनऊ के रिवरफ्रंट घोटाले की जांच में छापेमारी की थी. इस मामले की जांच में समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं से पूछताछ भी हुई थी.
बता दें, आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)