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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे जुड़ी सात संपत्तियां जब्त की है. ईडी ने ये कार्रवाई पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ आतंवादियों को धन मुहैया कराने से संबंधित मामले में की है. जांच एजेंसी ने गुरुवार को ये जानकारी दी.
ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इस साल मार्च में ऐसी 13 संपत्तियां जब्त की थीं.
ईडी ने बताया, ये संपत्तियां जम्मू-कश्मीर के तीन जिलों अनंतनाग, बांदीपोरा और बारामुला में हैं. ये संपत्तियां हिजबुल के आतंकवादियों के नाम पर हैं जिनकी पहचान मोहम्मद शफी शाह, तालिब लाली, गुलाम नबी खान, जफर हुसैन भट, अब्दुल माजिद सोफी, नजीर अहमद डार और मंजूर अहमद डार के तौर पर हुई है.
ईडी ने कहा कि इन 13 संपत्ति की कुल कीमत 1.22 करोड़ रुपये है और जिन लोगों के नाम पर ये संपत्तियां थीं वो कथित रूप से आतंकवादी संगठन के लिए काम करते हैं. अधिकारियों ने बताया कि अन्य संपत्ति की जब्ती प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी.
सैयद सलाहुद्दीन को 1990 से पहले कश्मीर में नेता यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था. 1987 में कश्मीर विधानसभा चुनाव में वो चुनाव भी लड़ा था. लेकिन अब सलाहुद्दीन पाकिस्तान में यूनाइडेट जिहाद काउंसिल का सरगना है. अलगाववादी मूवमेंट की वजह से यूसुफ को जेल भेज दिया गया था. जब वह जेल से छूटा तो पूरी तरह बदल गया.
सलाहुद्दीन भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है. पिछले साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हमले के पीछे उसके संगठन यूनाइडेट जिहाद काउंसिल का हाथ था. जैश ए मोहम्मद भी सलाहुद्दीन के संगठन का ही हिस्सा है. कश्मीर के ज्यादातर आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन से ही जुड़े हुए हैं. कश्मीर में हिंसा में इस संगठन का सबसे बड़ा हाथ है.
भारत ने मई 2011 में पाकिस्तान को 50 मोस्ट वांटेड लोगों की सूची सौंपी थीं. इस लिस्ट में सलाहुद्दीन का भी नाम है.
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