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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India ) ने सभी पत्रकारों और मीडिया घरानों से मणिपुर हिंसा की कवरेज में पत्रकारिता के सभी पेशेवर मानकों का पालन करने का आह्वान किया है. EGI ने एक बयान जारी कर कहा कि वह स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सहित मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा मणिपुर हिंसा की कवरेज को बड़ी चिंता के साथ देख और पढ़ रहा है. यह अफसोस की बात है कि वस्तुनिष्ठ और तथ्य आधारित रिपोर्टिंग के बजाय, कवरेज में पूर्वाग्रह है जो विभाजन और हिंसा को बढ़ावा दे रहा है.
अपने बयान में एडिटर्स गिल्ड ने लिखा है कि
EGI सभी पत्रकारों और मीडिया हॉउस से राज्य को खंडित करने वाले इस संघर्ष की कवरेज में पत्रकारिता के सभी पेशेवर मानकों का पालन करने का आह्वान करता है. जिन लोगों को रिमाइंडर की आवश्यकता है, उनके लिए हम किसी संघर्ष की रिपोर्टिंग में पालन किए जाने वाले बुनियादी सिद्धांतों की सूची नीचे दे रहे हैं, क्योंकि मीडिया ऐसी संवेदनशील स्थितियों में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
EGI सभी एडिटर्स और न्यूज रूम के साथ-साथ पत्रकारों से अपेक्षा करता है कि वे इस कठिन समय में पत्रकारिता के निम्नलिखित स्वीकृत मानदंडों का पालन करें:
तथ्यों की रिपोर्ट करें, अफवाहों की नहीं, जांचें और क्रॉस जांचें
सूचना युद्धों / इन्फॉर्मेशन वॉर का हिस्सा न बनें
किसी का पक्ष न लें, तथ्यात्मक रूप से रिपोर्ट करें
संघर्ष के प्रसार या वृद्धि में योगदान न करें
हिंसा का आह्वान न करें
'विनाशकारी, रक्षाहीन' जैसी पीड़ित भाषा या क्रूर, दुष्ट, बर्बर जैसे विशेषणों से बचें
किसी को स्टीरियोटाइप करने से बचें, किसी के लिए 'दुश्मन' की इमेज न बनाएं
संक्षेप में, कवरेज को हिंसा और जमीनी स्थिति के सभी डिटेल्स सामने लाते हुए संघर्ष, घृणा/हेट या शत्रुता को भड़काने से बचना चाहिए. उत्तेजक भाषा का त्याग करना होगा और शांति प्रयासों का समर्थन करना होगा. अच्छी पत्रकारिता के बुनियादी सिद्धांतों का पालन करना होगा क्योंकि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए हिंसा को समाप्त करना और ईमानदार, संयमित, नैतिक कवरेज के माध्यम से शांति स्थापित करना अनिवार्य है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)