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दिल्ली-बेंगलुरु में पत्रकारों पर हमला,एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा

“The Caravan के साथ काम करने वाले तीन पत्रकारों पर कथित तौर पर हमला हुआ था.

क्विंट हिंदी
भारत
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दिल्ली दंगों पर रिपोर्ट के लिए पहुंचे पत्रकारों पर भीड़ का हमला
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दिल्ली दंगों पर रिपोर्ट के लिए पहुंचे पत्रकारों पर भीड़ का हमला
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने दिल्ली से लेकर बेंगलुरु में पत्रकारों पर हुए हमले पर नाराजगी जताते हुए निंदा की है. एडिटर्स गिल्ड ने गुरुवार को एक लेटर लिखकर पत्रकारों पर हमला करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है.

गिल्ड ने अपने बयान में कहा है कि वह पत्रकारों पर हाल ही में किए गए हमले की निंदा करते हैं जोकि अपनी ड्यूटी पर थे.

गिल्ड ने कहा,

“The Caravan के साथ काम करने वाले तीन पत्रकारों पर कथित तौर पर उस समय हमला किया गया, जब वे राजधानी में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों की शिकायत के संदर्भ में एक रिपोर्ट के लिए 11 अगस्त को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उत्तरी घोंडा के पड़ोस में गए हुए थे.’’

गिल्ड ने आगे कहा कि इसी दिन बेंगलुरु में इंडिया टुडे, द न्यूज मिनट और एक मीडिया हाउस के चार पत्रकारों पर शहर की पुलिस ने कथित तौर पर हमला किया. ये सभी पत्रकार उस वक्त अपनी ड्यूटी कर रहे थे, तोड़-फोड़ और पुलिसिया फायरिंग पर रिपोर्ट कर रहे थे.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 11 अगस्त को न्यूज आउटलेट ‘The Caravan’ के तीन पत्रकार इसी साल फरवरी में हुए दिल्ली दंगों से जुड़ी रिपोर्ट के लिए नॉर्थ-ईस्ट के भजनपुरा दिल्ली पहुंचे थे, तब बी कुछ लोगों ने उन तीन पत्रकारों पर हमला कर दिया.

‘The Caravan’ के फोटो जर्नलिस्ट शाहिद, प्रभजीत सिंह और एक महिला पत्रकार जो नाम सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं होने देना चाहती हैं. आरोप है कि भजनपुरा में इन तीनों को भीड़ ने घेर लिया और धक्कामुक्की भी की.

वहीं दूसरा मामला बेंगलुरु का है. जहां एक फेसबुक पोस्ट को लेकर भड़की हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई. कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के रिश्तेदार नवीन ने फेसबुक पर एक समुदाय के धर्म गुरू पर सांप्रदायिक पोस्ट लिखा था, जिसे लेकर लोगों ने विरोध शुरू किया जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई, जिसमें दंगाईयों ने कई गाड़ियां, मकान जला दी. विरोध कर रहे लोगों ने नवीन को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस स्टेशन के बाहर हंगामा करना शुरू कर दिया. इसी दौरान पुलिस ने पत्रकारों के साथ अभद्रता की.

गिल्ड का बयान

गिल्ड ने कहा कि मीडिया को बिना किसी भय या उत्पीड़न के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की आजादी लोकतंत्र की एक जरूरी खासियत है.

गिल्ड ने अपने स्टेटमेंट में कहा,

‘The Caravan’ के साथ काम करने वाले पत्रकारों पर हमले का मामला एक खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाता है जहां सांप्रदायिक रूप से प्रेरित लोग एक उदासीन पुलिस की उपस्थिति में पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार के साथ हमला कर सकते हैं और परेशान कर सकते हैं.

वहीं गिल्ड ने बेंगलुरु की घटना पर कहा, "बेंगलुरु की घटना कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों की विफलता को उजागर करती है जहां मीडिया स्वतंत्र रूप से और बिना किसी डर के काम कर सके." साथ ही गिल्ड ने पुलिस तुरंत दोषियों पर कार्रवाई करे. बयान के आखिरी में लिखा है, "एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की मांग है कि दिल्ली और बेंगलुरु के पुलिस अधिकारी दोनों मामलों का संज्ञान लें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं."

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