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उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में ABP न्यूज के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध मौत के मामले पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने चिंता जताई है. गिल्ड का कहना है कि एक तो पत्रकार को शराब माफिया की तरफ से धमकी दी गई, शिकायत दर्ज कराने पर पुलिस ने कोई सुरक्षा नहीं दी. अब मौत के बाद जल्दबाजी में पुलिस दावे कर रही है कि मौत दुर्घटना है और हैंडपंप से टकरा जाने की वजह से हादास हुआ है. गिल्ड ने कहा कि ऐसी जल्दबाजी से हैरत हो रही है.
एडिटर्स गिल्ड की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये मामला ऐसे समय में सामने आया है जब मीडिया पर केंद्र और राज्य सरकारों का दबाव बढ़ रहा है. पत्रकारों पर गलत तरीके से राजद्रोह और UAPA जैसे कानूनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पत्रकार की संदिग्ध मौत के बाद प्रतापगढ़ पुलिस का जो पहला बयान आया था उसमें इसे दुर्घटना बताया गया. बावजूद इसके की जो शव की तस्वीर सामने आई है, उसमें शर्ट और पैंट के बटन खुले हुए हैं. बाद में पत्रकार की पत्नी की शिकायत पर अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
समाजवादी पार्टी, कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां सीधे-सीधे योगी सरकार पर शराब माफियाओं के खिलाफ जरूरी कार्रवाई न कर उन्हें छूट देने का आरोप लगा रहे हैं. सुलभ श्रीवास्तव की मौत के बाद प्रियंका गांधी का आरोप है कि राज्य में शराब माफिया उत्पात मचा रहे हैं और राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है.अखिलेश यादव पूछ रहे हैं कि शराब माफियाों के हाथों हत्या की आशंका जताए जाने के बाद भी सुरक्षा क्यों नहीं दी गई. सरकार को ये बताना चाहिए. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि लोकतंत्र में ऐसे लोगों को गंवाना पड़ रहा है सच्चाई सामने लाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं.
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