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केंद्र के तीन कृषि कानूनों (Farms Bill) को पारित होने के एक साल पूरे होने पर सोमवार को किसानों का भारत बंद है. संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए उनके 'ऐतिहासिक संघर्ष' ने आज 10 महीने पूरे कर लिए हैं.
पंजाब और हरियाणा में दो दर्जन से अधिक ट्रेनों को रोक दिया गया है दिल्ली की ओर सड़क यातायात बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ है.
26 जनवरी को लाल किले की गंभीर हिंसा की घटना को देखते हुए इस बार पुलिस बल अधिक सतर्क दिखाई दे रहा है. इस बीच, दिल्ली यातायात के एक अधिकारी ने कहा कि विरोध के कारण उत्तर प्रदेश से गाजीपुर सीमा की ओर यातायात बंद कर दिया गया. किसानों को बड़ी संख्या में सड़क पर बैठे और कृषि कानूनों के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा जा सकता है.
इस बीच, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पंडित श्री राम मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है जो पश्चिमी दिल्ली में टिकरी सीमा के करीब है. बाकी जगहों पर दिल्ली मेट्रो बिना किसी देरी के काम कर रही है.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आह्वान पर सोमवार को बुलाए गए भारत बंद का बिहार के भी कई इलाकों में असर देखा जा रहा है. बंद का समर्थन विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल दलों ने भी किया है. विभिन्न इलाकों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर गए हैं, जिससे कई इलाकों में बंद का आवागमन पर असर दिख रहा है.
बिहार में महागठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के नेता और कार्यकर्ता अलग-अलग जिलों में सड़क पर उतर आए. प्रदर्शनकारी सड़कों पर अगजनी कर मार्ग को अवरूद्ध कर दिया है.
वैशाली के भगवानपुर में भी आरजेडी के कार्यकर्ता सड़क जाम कर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर,, सहरसा, बेगूसराय, शेखुपरा में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे.
दौरान सैकड़ों किसानों ने सोमवार को गाजीपुर सीमा पर विरोध किया और कानूनों को निरस्त करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे पिछले 10 महीनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में बैठे हैं, मेरठ के 52 साल के सूबा सिंह ने कहा कि मैं अन्य किसानों के साथ यहां बैठा हूं और हम तब तक नहीं हिलेंगे जब तक मोदी सरकार द्वारा इन तीन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता.
भारत बंद' के मद्देनजर, दिल्ली यातायात पुलिस ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी के साथ राज्य की गाजीपुर सीमा की ओर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. उन्होंने ट्वीट किया, "विरोध के कारण यूपी से गाजीपुर की ओर यातायात बंद कर दिया गया है।"
सैकड़ों किसानों ने दिल्ली को हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 1 सहित प्रमुख राजमार्गों को बंद कर दिया है. पंजाब और हरियाणा में यातायात बुरी तरह प्रभावित होने और कई घंटों तक बाधित होने की संभावना है, क्योंकि किसान, खेत मजदूर, कमीशन एजेंट, ट्रेड और कर्मचारी संघ और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर बैठे रहेंगे.
प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टर पंजाब और हरियाणा के राजमार्गों और प्रमुख लिंक सड़कों पर खड़े कर दिए हैं और सड़कों पर बैठ गए हैं. किसानों के विरोध को देखते हुए कानून और अन्य व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल देखा जा सकता है. पुलिस ने कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया, क्योंकि किसानों ने हाईवे जाम कर दिया है.
केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी और विपक्षी कांग्रेस दोनों सोमवार को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए एक साथ सामने आए हैं और दक्षिणी राज्य में बंद का लगभग पूरा असर देखा जा रहा है. बाजार, दुकानें और कार्यालय बंद हैं और निजी वाहनों को छोड़कर सभी सार्वजनिक वाहन सड़क से नदारद हैं. सिविल सोसायटी के एक सदस्य ने कहा, "राज्य में सब कुछ पूरी तरह से ठप हो गया है.
करीब पिछले 18 महीनों से राज्य और पूरे देश में कोविड प्रोटोकॉल से लॉकडाउन के कारण, सोमवार का विरोध केरल का पहला राजनीतिक बंद है. हालांकि, सामान्य दिनों की तरह, इसरो की इकाइयां काम कर रही हैं और इसके कर्मचारियों को सशस्त्र सुरक्षा के बीच उनकी बसों में राज्य की राजधानी में संबंधित इकाइयों में ले जाया गया. सोमवार को होने वाली यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.
कर्नाटक में राज्य किसान संघ, हसीरू सेने, गन्ना उत्पादक संघ, प्रांत रायता संघ ने राज्य में पूर्ण बंद का आह्वान किया है. उन्होंने राज्य भर के शहरों में राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य सड़कों को अवरुद्ध करने का भी आह्वान किया है. किसान संगठनों ने भी बड़े पैमाने पर रैलियां निकालने और पूर्ण बंद का पालन करने का फैसला किया है, हालांकि, कई संगठनों ने भारत बंद को केवल नैतिक समर्थन दिया है.
राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि सार्वजनिक संपत्तियों, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली बसों को नुकसान होने की स्थिति में आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. सप्ताह के पहले दिन बेंगलुरु शहर के बीचों-बीच यातायात बाधित होने की संभावना है. विपक्षी कांग्रेस, जेडी (एस) दलों ने बंद को अपना समर्थन दिया है.
होटल मालिकों, मॉल के प्रबंधन, व्यवसायियों, दुकान मालिकों और स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि वे बंद में भाग नहीं लेंगे.
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