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लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने और ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर बहस के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग की. बैठक के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि कुछ पार्टियों ने फिर से बैलेट से चुनाव कराए जाने को गलत ठहराया है. रावत ने कहा कि इन पार्टियों ने आशंका जताई है कि EVM की जगह बैलेट से चुनाव कराए जाने से बूथ कैप्चरिंग का दौर लौट सकता है.
इस बैठक में देश में एकसाथ चुनाव कराने, ईवीएम मशीन, वीवीपीएटी जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस बैठक में कई पार्टियों ने ईवीएम मशीन पर सवाल उठाए.
पिछले कई चुनाव से ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की खबरें आती रही है. कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक में चुनाव आयोग से अगला लोकसभा चुनाव ईवीएम की बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग की. लेकिन इस मुद्दे पर कई पार्टियों की राय कांग्रेस अलग रही. दूसरी पार्टियों का कहना था कि अगले चुनाव में ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में बैलट पेपर से चुनाव कराना आसान नहीं होगा.
कांग्रेस और बाकी पार्टियों ने चुनाव में ईवीएम के साथ ज्यादा से ज्यादा वीवीपीएट इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की.
ऑल पार्टी मीटिंग में वोटर लिस्ट को पारदर्शी बनाने, वीवीपीएटी को बेहतर बनाने, अधिक से अधिक वीवीपैट का इस्तेमाल करने और ईवीएम में वोट देने का समय 7 की बजाय 10 सेकंड या और ज्यादा करने पर भी चर्चा हुई.
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