Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राफेल पर लिखी किताब को जब्त करने के निर्देश नहीं दिए: चुनाव आयोग

राफेल पर लिखी किताब को जब्त करने के निर्देश नहीं दिए: चुनाव आयोग

सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा कि पीएम मोदी पर बनने वाली फिल्म कैसे सही और राफेल पर लिखी किताब कैसे गलत?

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा कि पीएम मोदी पर बनने वाली फिल्म कैसे सही और राफेल पर लिखी किताब कैसे गलत?
i
सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा कि पीएम मोदी पर बनने वाली फिल्म कैसे सही और राफेल पर लिखी किताब कैसे गलत?
(फोटो: Altered by The Quint)

advertisement

मंगलवार, 2 अप्रैल को टाइम्स ऑफ इंडिया में खबर छपी कि चुनाव आयोग ने एक तमिल किताब की रिलीज पर रोक लगा दी है. इस किताब का नाम है 'नत्तई उलुक्कुम राफेल; बेरा ऊझल' इसे एस विजयन ने लिखा है. इसका मतलब है 'राफेल: वो घोटाला जिसने देश को हिला दिया', इसके विमोचन के लिए द हिंदू अखबार के पूर्व संपादक और द हिंदू ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन के चेयरमैन एन. राम को आना था. बता दें कि एन राम ने खुद भी राफेल मामले में कई खुलासे किए हैं.

हालांकि, मंगलवार शाम को तमिलनाडु के चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि उन्होंने इस मामले में कोई भी निर्देश नहीं दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने चेन्नई के डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन कमिश्नर से कहा है कि वो इस मामले का संज्ञान लें और रिपोर्ट दें.’

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक, भारती पुस्तकालयम जो कि इस किताब की प्रकाशक है जब इस किताब के विमोचन की तैयारी कर रहे थे उस वक्त चुनाव आयोग के अधिकारियों का एक दल और पुलिस आई और किताब की 142 कॉपियों को प्रकाशक के ऑफिस से जब्त कर लिया.

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि इस किताब में राफेल डील से जुड़े कुछ संवेदनशील दस्तावेज हैं, जो चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करते हैं.

(फोटो: रिज कुरेशी/फेसबुक)

द हिंदू के मुताबिक, इस किताब की कुछ कॉपियों को स्थानीय दुकानों से भी जब्त किया गया है.

प्रकाशक समूह के संपादक के मुताबिक, वो इस किताब को रिलीज नहीं कर पाए 'क्योंकि ये एक राजनीतिक किताब है.'

उन्होंने कहा, “किताब रिलीज करने से पहले मुझे परमिशन नहीं मिली. ये हैरान करने वाली बात है कि इस शहर में रोजाना कई किताबें रिलीज होती हैं. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि हमें ही क्यों टारगेट किया गया.''

मीडिया से बात करते हुए एन. राम ने कहा, ''किताब के प्रकाशन को रोकना और किताबों को जब्त करना लोकतंत्र के खिलाफ है. ये अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है.''

उन्होंने ये भी कहा कि वो किताब की रिलीज के लिए कोर्ट जाएंगे, क्योंकि इस किताब ने किसी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं किया है. भारती पुस्तकालयम ने भी कहा कि वो अपने वकीलों से बात करेंगे और इस मुद्दे को लेकर कोर्ट जाएंगे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

ट्विटर पर लोगों की आईं तीखी प्रतिक्रियाएं

जैसे ही ये खबर बाहर आई उसके तुरंत बाद से पुलिस और चुनाव आयोग के एक्शन पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं देनी शुरु कर दीं. लोग पूछने लगे कि मोदी पर फिल्म बनना कैसे सही और ये किताब लिखा जाना कैसे गलत है?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT