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Electoral Bond का यूनिक कोड भी हुआ जारी, खुलासा हुआ किस कंपनी ने किस पार्टी को दिया चंदा?

इलेक्टोरल बॉन्ड के Alphanumeric Code की मदद से यह बताया जा सकेगा कि किस कंपनी ने किस पार्टी को कब कितने का चुनावी चंदा दिया था.

आशुतोष कुमार सिंह
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Alphanumeric data of Electoral Bonds</p></div>
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Alphanumeric data of Electoral Bonds

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज हलफनामा दाखिल कर बताया कि उसने SC के आदेशों का पालन कर दिया है. चुनाव आयोग को (ECI) दानदाता और लाभार्थी पक्ष की चुनावी बॉन्ड (EB) संख्या दे दी गई है. SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि⁠ बैंक ने अब ECI को संचयी रूप से EB क्रेता का नाम, मूल्यवर्ग और EB की विशिष्ट संख्या, EB भुनाने वाली पार्टी का नाम और पार्टी के बैंक खाते के अंतिम चार अंक दिए हैं. ⁠इस हलफनामे में कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड का कोई अन्य विवरण अब बैंक के पास नहीं है.

चुनाव आयोग ने आखिरकार इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा यूनिक कोड (Alphanumeric Code data of Electoral Bonds) के साथ सार्वजनिक कर दिया है. यानी अब इस कोड की मदद से यह बताया जा सकेगा कि किस कंपनी ने किस पार्टी को कब कितने का चुनावी चंदा दिया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने SBI को फटकार लगाई थी और सभी इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक कोड को सार्वजनिक करने के लिए 21 मार्च शाम 5 बजे तक की डेडलाइन दी थी. इसके बाद SBI ने यह जानकारी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराई है, जिसे अब चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है.

बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड में छिपे इस अल्फा न्यूमेरिक नंबर का सबसे पहले पता क्विंट हिंदी में पत्रकार रहीं पूनम अग्रवाल ने अप्रैल 2018 में लगाया था.

क्विंट हिंदी अब इन तमाम आंकड़ों का विश्लेषण करेगा और आपको बताएगा कि किस पार्टी को किस कंपनी से चुनावी चंदा मिला? हमारी नजर इलेक्टोरल बॉन्ड कब खरीदा गया, इसकी टाइमिंग पर भी होगी. बने रहिए हमारे साथ

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में क्या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे के संबंध में कहा कि SBI इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े सभी डिटेल्स का खुलासा करें, जो उसके पास हैं. इसमें कोई जानकरी छिपाई नहीं जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग SBI से जानकारी प्राप्त होने पर तुरंत अपनी वेबसाइट पर डिटेल अपलोड करेगा.

SBI का रवैया ऐसा लगता है कि 'आप हमें बताएं कि क्या खुलासा करना है, हम खुलासा करेंगे.' यह उचित नहीं लगता. जब हम "सभी डिटेल्स" कहते हैं, तो इसमें सभी डेटा शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट

चलिए आपको यहां बताते हैं कि हमें अभी तक क्या-क्या पता है?

सबसे अधिक चुनावी चंदा देने वाली 10 कंपनियां

  1. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज पीआर- ₹1,368 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  2. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड- ₹966 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  3. क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड- ₹410 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  4. वेदांता लिमिटेड- ₹400 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  5. हल्दिया एनर्जी लिमिटेड- ₹377 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  6. एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड- ₹224 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  7. वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी- ₹220 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  8. भारती एयरटेल- ₹198 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  9. केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड- ₹195 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

  10. मदनलाल लिमिटेड- ₹185.5 करोड़ के बॉन्ड खरीदे

किन पार्टियों से सबसे अधिक चंदा मिला?

17 मार्च को चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा नया डेटा जारी किया था. इनमें 12 अप्रैल 2019 से पहले बेचे और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड भी शामिल थे.

  • बीजेपी को कुल 8,718.85 करोड़ रुपये मिले. इसमें 12 अप्रैल 2019 से पहले प्राप्त 2,658.35 करोड़ रुपये और 12 अप्रैल 2019 के बाद प्राप्त 6,060.5 करोड़ रुपये शामिल हैं.

  • कांग्रेस को कुल 1,864.45 करोड़ रुपये मिले. 12 अप्रैल 2019 से पहले 530.1 करोड़ रुपये और 12 अप्रैल 2019 के बाद 1,334.35 करोड़ रुपये मिले.

  • तृणमूल कांग्रेस (TMC) को चुनावी बॉन्ड के जरिए कुल 1,494.28 करोड़ रुपये मिले. 12 अप्रैल 2019 से पहले 97.28 करोड़ रुपये और उसके के बाद 1,397 करोड़ रुपये.

  • नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) ने चुनावी बॉन्ड से कुल 1,183.5 करोड़ रुपये कमाए. 12 अप्रैल 2019 से पहले उसे 239 करोड़ रुपये मिले और अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 के बीच उसे 944.5 करोड़ रुपये मिले.

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