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Electoral Bond Data: पश्चिम बंगाल (West Bengal) स्थित एफएमसीजी (FMCG) कंपनी केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड ने अपने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) के जरिए सबसे अधिक चंदा बीजेपी को दिया. कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 में अपने मुनाफे का 150 गुना से ज्यादा चंदा दिया. ये आंकड़े 20 मार्च को चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए सार्वजनिक आंकड़ों से पता चलता है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड सहित पूरा चुनावी बॉन्ड डेटा को चुनाव आयोग को सौंप दिया. इस डेटा से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि चंदा देने वाली कंपनियों ने किस राजनीतिक दल को चंदा दिया है.
क्विंट हिंदी ने पहले बताया था कि कम से कम 15 बड़ी और छोटी कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को अपने मुनाफे से अधिक (शुद्ध लाभ/इक्विटी के मामले में) दान दिया था.
लेकिन अब जब अल्फान्यूमेरिक कोड उपलब्ध है तो आइए उन कंपनियों को देखते हैं जो कोई लाभ नहीं कमा रही हैं लेकिन इसके बावजूद किन राजनीतिक दलों को दान कर रही हैं.
एमकेजे- केवेंटर ग्रुप: मशहूर उद्योगपति महेंद्र कुमार जालान के नेतृत्व वाले और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित MKJ समूह ने 2019 और 2023 के बीच मुख्य रूप से कांग्रेस को और उसके बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) और बीजेपी को 192.42 करोड़ रुपये का दान दिया.
वित्त वर्ष 2019 में जब कंपनी ने 5.03 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया तो उसने अपने मुनाफे का लगभग तीन गुना यानी 14.4 करोड़ रुपये बीजेपी को चंदे में दे दिया.
2022 में कंपनी को 62.9 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ, लेकिन कंपनी ने कांग्रेस को लगभग 30 करोड़ रुपये और टीएमसी को 20 करोड़ रुपये दान किए.
2023 में MKJ समूह ने कांग्रेस को सबसे ज्यादा राशि 54.1 करोड़ रुपये दान की. वहीं बीजेपी को 16.5 करोड़ रुपये दिए चंदे के तौर पर मिले.
केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड: महेंद्र कुमार जालान को केवेंटर वेबसाइट पर चेयरमैन एमेरिटस के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है. कोलकाता में स्थित इस कंपनी ने 2019 में 195 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया था.
केवेंटर फूडपार्क ने भी 2019 में कांग्रेस और टीएमसी को 20-20 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. मदनलाल लिमिटेड और MKJ एंटरप्राइजेज एक ही पते पर रजिस्टर है. मदनलाल लिमिटेड ने 2019 में 185 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे और उनमें से 95 प्रतिशत बीजेपी को दान कर दिए. बाकी 5 फीसदी यानी 10 करोड़ रुपये कांग्रेस को दान दे दिए गए.
संयोग से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसका लाभ 1.84 करोड़ रुपये था, जिसका मतलब है कि कंपनी ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को अपने लाभ का 100 गुना से ज्यादा दान दिया.
समूह की एक अन्य कंपनी ससमल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने कांग्रेस को 39 करोड़ रुपये और बीजेपी को 5 करोड़ रुपये का चंदा दिया.
नवयुग इंजीनियरिंग ने अपने सभी चुनावी बॉन्ड 55 करोड़ रुपये को बीजेपी को दो हिस्सों में बीजेपी को चंदा दिया. कंपनी ने 2019 में 45 करोड़ रुपये और 2022 में 10 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया.
नवयुग इंजीनियरिंग ने उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग का निर्माण किया था. ये सुरंग 12 नवंबर 2023 को ढह गई थी, जिसमें 16 दिनों से अधिक समय तक 41 कर्मचारी फंसे रहे थे.
हैदराबाद की इस कंपनी को असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर ढोला-सादिया पुल समेत कई 'प्रतिष्ठित परियोजनाएं' मिली, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में किया था.
अप्रैल 2021 में अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने 2,800 करोड़ रुपये में नवयुग समूह से कृष्णापटनम पोर्ट कंपनी लिमिटेड का पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया.
कोलकाता स्थित IFB एग्रो इंडस्ट्रीज एक समुद्री फूड प्रोसेसिंग फर्म है और जिसके पश्चिम बंगाल भर में फैले IMIL (Indian Made Indian Liquor) बॉटलिंग प्लांट हैं. इस कंपनी ने 2021 और 2023 के बीच TMC को 42 करोड़ रुपये या खरीदे गए लगभग आधे चुनावी बॉन्ड दान किए.
इसके बाद कंपनी ने 2023 और जनवरी 2024 के बीच लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 35 करोड़ रुपये का दान दिया गया.
दिलचस्प बात यह है कि FY 2023 के लिए कंपनी की वार्षिक आम बैठक की रिकॉर्डिंग में कार्यकारी उपाध्यक्ष अरूप कुमार बनर्जी और प्रबंध निदेशक और मुखोपाध्याय ने कहा कि बॉन्ड "सरकार से हमारे निर्देशों के अनुसार" खरीदे गए थे.
इन्फोटेल एक्सेस एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, इन्फोटेल बिजनेस सॉल्यूशंस लिमिटेड और इन्फोटेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने चुनावी बॉन्ड के जरिए 2019 में 30 करोड़ रुपये का चंदा बीजेपी को दिया.
इनमें से इन्फोटेल टेक्नोलॉजीज ने बीजेपी को 10 करोड़ रुपये का चंदा दिया और पिछले चार वित्तीय वर्षों में 14.3 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था.
इन्फोटेल टेक्नोलॉजीज के तीन निदेशक हैं: कमल कुमार शर्मा, अखिलेश त्रिपाठी और नितिन वेद. यह मुकेश अंबानी के पुराने बिजनेस एसोसिएट सुरेंद्र लूनिया से उनके निदेशक कमल कुमार शर्मा के माध्यम से जुड़ा हुआ है, जो लुनिया के इन्फोटेल समूह में कार्यकारी निदेशक और सीएफओ हैं.
हैदराबाद स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चेन्नई ग्रीन वुड्स ने पिछले चार वित्तीय वर्षों में 36.6 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया और राजनीतिक दलों को लगभग तीन गुना राशि यानी 105 करोड़ रुपये चंदा दे दिया.
फर्म का मालिकाना हक रामकी समूह के पास है, जिसके अध्यक्ष वाईएसआरसीपी राज्यसभा सांसद अयोध्या रामी रेड्डी हैं. इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 14.15 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है.
जनवरी 2022 में कंपनी ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 50 करोड़ रुपये दान किए. ये चंदा उसके कुल बॉन्ड का लगभग आधा और उसी वित्त वर्ष कंपनी के मुनाफे का 3.5 गुना है.
बाकी के चंदे के 40 करोड़ रुपये अप्रैल 2022 में टीएमसी को दिए गए, जबकि 15 करोड़ रुपये पिछले साल अक्टूबर में कांग्रेस को दिए गए. कांग्रेस को ये चंदा तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने से एक महीने पहले दिया गया.
हैदराबाद की खनन और बुनियादी ढांचा कंपनी ऋत्विक प्रोजेक्ट्स ने पिछले साल राजनीतिक दलों को 45 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड दान किए थे.
इसमें से दो तिहाई यानी 30 करोड़ रुपये कांग्रेस को मिले जबकि 10 करोड़ रुपये जनता दल (सेक्युलर) और 5 करोड़ रुपये तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) को गए.
रमेश आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी हैं और टीडीपी के सांसद थे. टीडीपी ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी के साथ गठबंधन किया है.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जनवरी में हिमाचल प्रदेश में सुन्नी जलविद्युत परियोजना के लिए ऋत्विक प्रोजेक्ट्स को 1,098 करोड़ रुपये का इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) कॉन्टैक्ट मिलने के कुछ दिनों बाद इसने 5 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे.
हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक ये बॉन्ड टीडीपी को दिए गए थे. दिलचस्प बात यह है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अप्रैल 2023 में एचडी देवगौड़ा की जेडी (एस) को चुनावी बॉन्ड के जरिए 10 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया गया था. उसी समय कांग्रेस ने भी कंपनी से मिले 40 करोड़ रुपये भुनाए थे.
इनके अलावा द क्विंट ने पहले बताया था कि ऐसी छोटी कंपनियां हैं, जिनकी चुकता पूंजी (पेड-अप कैपिटल) केवल लाखों रुपये में थी, भले ही उन्होंने स्थापित होने के महीनों के भीतर करोड़ों रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.
हैदराबाद स्थित वासवी एवेन्यू एलएलपी 6 अप्रैल 2023 को 10 लाख रुपये की चुकता पूंजी के साथ रजिस्टर है. कंपनी ने स्थापना के तीन महीने के भीतर जुलाई 2023 में के. चंद्रशेखर के बीआरएस को 5 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा दिया.
तेलंगाना स्थित रियल एस्टेट कंपनी Tsharks Infra Developers Pvt Ltd की स्थापना मार्च 2023 में 1 लाख रुपये की चुकता पूंजी के साथ की गई थी. चार महीने के भीतर जुलाई 2023 में कंपनी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से बीआरएस को 3.5 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया.
Tsharks Infra Developers के ही पते पर रजिस्टर, Tsharks Overseas Education Consultancy Pvt Ltd की स्थापना मई 2023 में 1 लाख रुपये की चुकता पूंजी के साथ की गई थी. जुलाई 2023 में कंपनी ने बीआरएस को 4 करोड़ रुपये के बॉन्ड दान किए.
हैदराबाद स्थित निर्माण फर्म अपर्णा फार्म्स एंड एस्टेट्स एलएलपी को 18 अगस्त 2020 को 5 लाख रुपये की चुकता पूंजी के साथ रजिस्टर किया गया था. सुब्रमण्यम रेड्डी सन्नारेड्डी और वेंकटेश्वर रेड्डी चेन्नुरु के स्वामित्व वाली कंपनी ने तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले अक्टूबर-नवंबर 2023 के बीच कांग्रेस और बीआरएस को 15 करोड़ रुपये का दान दिया.
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