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विपक्ष के भारी हंगामे के बीच चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक (Electoral Reforms Bill 2021) राज्यसभा से पास हो गया. विपक्ष लगातार मांग कर रहा था कि इस विधेयक में कई सुधारों की जरूरत है. जिसके बाद सरकार ने भी विधेयक को लेकर अपना पक्ष रखा. विपक्ष मांग कर रहा था कि इस विधेयक को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए.
विपक्ष के हंगामे के बीच ध्वनिमत से विधेयक को पास कर दिया गया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. वहीं आरोप लगाया कि सरकार ने इस बार भी विपक्ष की आवाज को नहीं सुना.
इस विधेयक में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कुछ सुधारों को पेश किया गया है. या कहें तो संशोधित किया गया है. जिसमें चुनाव अधिकारी को इस बात की छूट दी गई है कि वो वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन करने वाले लोगों से आधार कार्ड मांग सकता है. जिससे उसकी पहचान की पुख्ता जानकारी मिल सके.
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि, "मोदी सरकार ने बिना किसी चर्चा के ये बिल पास किया है. ये बिल सुप्रीम कोर्ट के पुट्टस्वामी फैसले का उल्लंघन है और इससे बड़े पैमाने पर लोग मताधिकार से वंचित हो जाएंगे. बिना किसी चर्चा या जांच के इसे कैसे पारित किया जा सकता है? ये हमारे लोकतंत्र का मजाक है."
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