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एल्गार परिषद केस (Elgar Parishad Case) में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 15 गिरफ्तार लोगों पर 16 अपराधों का आरोप लगाने का प्रस्ताव रखा है. इसमें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा आरोप भी शामिल है, जिसमें अधिकतम मौत की सजा हो सकता है. NIA ने ये ड्राफ्ट आरोप इस महीने की शुरुआत में एक स्पेशल कोर्ट में दाखिल किए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, NIA ने कहा कि आरोपियों ने जटिल हथियार जुटाकर 'एक पब्लिक पदाधिकारी की मौत' की साजिश रची थी.
एल्गर परिषद केस की शुरुआती जांच करने वाली पुणे पुलिस ने अपने ड्राफ्ट आरोपों में कहा था कि हथियार 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या' की साजिश से संबंधित हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, NIA का आरोप है कि 15 आरोपी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) समूह के सक्रिय सदस्य हैं. एजेंसी का कहना है कि 31 दिसंबर 2017 को एल्गर परिषद कार्यक्रम 'दलित और दूसरे समुदायों की सांप्रदायिक भावनाओं का गलत फायदा उठाने और उन्हें जाति के नाम पर भड़का कर पुणे जिले, भीमा कोरेगांव और महाराष्ट्र में हिंसा, अस्थिरता और अराजकता फैलाने' के इरादे से आयोजित किया गया था.
हालांकि, 15 आरोपियों पर 16 आरोप एक जैसे हैं. लेकिन कई लोगों पर विभिन्न अलग आरोप भी लगाए गए हैं. जैसे कि आनंद तेलतुंबडे पर सबूत मिटाने से संबंधी एक आरोप लगा है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चार्जशीट के आधार पर अब स्पेशल कोर्ट तय करेगा कि आरोपियों पर कौनसे आरोप लग सकते हैं.
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