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केंद्र सरकार ने एस्कॉर्ट सर्विस देने वाली 240 वेबसाइटों पर बैन लगाने को कहा है. इस लिस्ट में जितनी भी कंपनियां या एजेंसियां हैं वो भारतीय हैं. एस्कॉर्ट सर्विस दरअसल देह व्यापार से जुड़ा एक ऐसा कारोबार है जिसके कानूनी और गैरकानूनी होने को लेकर रहस्य बरकरार है. महानगरों में इनके विज्ञापन भी खूब आते हैं.
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए इस कदम की आलोचना की है. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स संघ के एक कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘सभी वेबसाइटों की सामग्री प्रतिबंधित नहीं की जा सकती है. यह आदेश तकनीकी बारीकियों पर गौर किए बगैर ही जारी किया गया. यदि वेबसाइट नाम या लिंक थोड़ा सा भी बदल लेती है तो वह फिर से काम करने लगेगी”
दरअसल इनका तर्क ये है कि इन वेबसाइटों पर मोबाइल नंबर होते हैं जिनके जरिए गैरकानूनी धंधा करने वालों का पता लगाया जाना चाहिए. साथ ही ऐसी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने के लिए अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए. सरकार को अखबारों में एस्कॉर्ट सर्विस देने वाली कंपनियों के विज्ञापनों पर रोक लगाने का भी प्रयास करना चाहिए.
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