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COVID:दिल्ली में आज से शुरू हो रहा है सेरोलॉजिकल सर्वे,जानें सबकुछ
ये सर्वे कब कराया जाएगा?
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ये सर्वे कब कराया जाएगा?
(फाइल फोटो: PTI)
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शनिवार से दिल्ली में सेरोलॉजिकल सर्वे शुरू होने जा रहा है. ये सेरोलॉजिकल सर्वे दिल्ली के सभी 11 जिलों में किया जाएगा, जिससे पता चलेगा कि राजधानी में कोरोना वायरस कितना फैला है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को डॉ विनोद पॉल कमेटी ने 21 जून को दिल्ली में कंटेनमेंट स्ट्रेटेजी पर एक रिपोर्ट सौंपी थी. सर्वे, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) कर रहा है.
इस सर्वे से जुड़ी जानकारी और इसके महत्व के बारे में सबकुछ यहां जानिए.
सेरोलॉजिकल सर्वे क्या है?
सेरोलॉजिकल सर्वे में ब्लड सैंपल इकट्ठे किए जाते हैं और उनके टेस्ट से पता लगाया जाता है कि शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं. इस सर्वे का इस्तेमाल ये पता करने में भी किया जाएगा कि कोई शख्स पहले इस वायरस से संक्रमित था या नहीं और वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी की पहचान भी होगी.
मैं दिल्ली में इस सर्वे का हिस्सा कैसे बन सकता हूं?
NCDC दिल्ली के सभी 11 जिलों में सर्वे करेगा. करीब 20,000 घरों को कवर किया जाएगा लेकिन रैंडम सैंपलिंग के आधार पर.
इसलिए किसी एक शख्स का इस सर्वे का हिस्सा बनना मुमकिन नहीं है.
18 साल से कम उम्र के लोगों की टेस्टिंग भी रैंडम सैंपलिंग मेथड से होगी.
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सर्वे 25 या 26 जून से शुरू होने की संभावना है. सर्वे में जो भी शामिल होगा, टेस्ट का पैसा उसे नहीं देना होगा. इसका खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी.
दिल्ली में ये सर्वे क्यों हो रहा है?
ये पता करने के लिए कि राजधानी दिल्ली में वायरस का संक्रमण कितना फैला है.
दिल्ली का पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है. ये रेट बताता है कि कुल टेस्ट हुए लोगों में से कितने फीसदी पॉजिटिव पाए गए हैं. कुछ हफ्तों से दिल्ली का पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी के करीब है, वहीं भारत का पॉजिटिविटी रेट 5 से 18 जून के बीच 7.7 फीसदी था. सेरोलॉजिकल टेस्ट से ये भी पता चल सकता है कि दिल्ली कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज पर है या नहीं.
देश में कुल मामलों की संख्या में दिल्ली करीब 60,000 केस के साथ तीसरे नंबर पर है. दिल्ली सरकार के अनुमान के मुताबिक, ये आंकड़ा जून-अंत तक 1 लाख और जुलाई के अंत तक साढ़े 5 लाख हो सकता है.
सेरोलॉजिकल सर्वे पहले और कहां हो चुका है?
ICMR ने एक सेरोलॉजिकल टेस्ट 83 जिलों में किया था और 26,400 सैंपल लिए थे. स्टडी में पता चला कि इन जिलों की 0.73 फीसदी जनसंख्या में कोरोना वायरस से एक्सपोजर हुआ है. इसके साथ ही ICMR ने लॉकडाउन को सफल बताया और कहा कि देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है.
हालांकि ये सर्वे 30 अप्रैल तक किया गया था, जब देश में 33,610 केस थे. जून में इसके 10 गुना के ज्यादा मामले हैं.
हरियाणा में भी ऐसा ही सर्वे होगा. कोरोना वायरस की वजह से हरियाणा में मौतें पांच गुना बढ़ गई हैं, जबकि संक्रमित लोगों की तादाद जून के आखिरी दो हफ्तों में तीन गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं.