आखिर कैसे सुलगी मथुरा में हिंसक झड़प की आग?

मथुरा में हिंसक झड़प में मरने वालों की संख्या 24 हुई.

रोशीना ज़ेहरा
भारत
Updated:
मथुरा में झड़प के बाद बड़ी तादाद में पुलिस की तैनाती की गई है ( फोटो: ब्रजेश कुमार )
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मथुरा में झड़प के बाद बड़ी तादाद में पुलिस की तैनाती की गई है ( फोटो: ब्रजेश कुमार )
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में गुरुवार रात पुलिस और हिंसा पर उतारू एक ग्रुप के बीच झड़प में 24 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए. मृत लोगों में एसपी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ संतोष कुमार शामिल हैं.

आईजी (कानून-व्यवस्था) एचआर शर्मा के मुताबिक, आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव और गोलीबारी की. जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं.

कैसे हुई मुठभेड़ की शुरुआत?

जवाहर नगर इलाके में विवादित जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग के अंतर्गत आती है. इस जमीन पर एक ग्रुप ने कब्‍जा जमा लिया था. हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जमीन को खाली करवाने का आदेश दिया था.

जब अधिकारी जमीन खाली करवाने में नाकाम रहे, तो मथुरा जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को अप्रैल तक जमीन खाली करने का नोटिस जारी कर दिया.

मुठभेड़ में 24 लोगों की मौत हो गई. ( फोटो: ब्रजेश कुमार )

आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही का क्या किरदार रहा है

विवाद की जड़ अध्यात्मिक गुरु जय गुरुदेव के शिष्यों, अधिकारियों और मथुरा प्रशासन के बीच है. दो साल पहले जय गुरुदेव के समूह से अलग होकर एक समूह ‘आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही’ बना.

इस संगठन की मांगों में भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द करना, मौजूदा करेन्सी की जगह ‘आजाद हिंद फौज’ करेन्सी शुरू करना, एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री करना शामिल है. जाहिर है कि ये मांगें पूरी तरह से संविधान के खिलाफ थीं.

फोटो साभार : facebook.com/आजाद भारत विधिक सत्याग्रह

इस ग्रुप ने धरना के नाम पर इस समूह ने जवाहर बाग की सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया.

आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही का नेता रामवृक्ष यादव था. कलेक्टर राजेश कुमार के अनुसार, झड़प के बाद रामवृक्ष ग्रुप के कथित सुरक्षा अधिकारी चंदन गौर और हजारों समर्थकों के साथ भागने में कामयाब रहा.

मरने वालों में मथुरा पुलिस अधीक्षक और एसएचओ शामिल हैं ( फोटो: ब्रजेश कुमार )

जवाब में पुलिस ने की गोलीबारी

आईजी (कानून-व्यवस्था) एचआर शर्मा के मुताबिक, 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस पर पहले पथराव किया, उसके बाद गोलीबारी की. जवाब में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज और आंसूगैस का इस्तेमाल किया, बाद में गोलीबारी की.

अतिक्रमणकारियों ने न केवल ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, बल्कि पेड़ों पर छुपकर ऑटोमैटिक हथियारों से गोलीबारी की.

कलेक्टर डीएम कुमार के मुताबिक, पूरा क्षेत्र ग्रेनेड और गैस सिलेंडरो में विस्फोट के बाद झोपड़ियों में आग लगने के कारण धुएं से भर गया.

बहरहाल, हिंसा के बाद से इलाके में तनाव बरकरार है. सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रही है.

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Published: 03 Jun 2016,06:45 PM IST

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