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भारत की पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता को शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने 3 साल जेल की सजा सुनाई. माधुरी गुप्ता को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटरसर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) को संवेदनशील सूचना देने के आरोप में दोषी ठहराया गया है.
एडिशनल सेशल जज सिद्धार्थ शर्मा ने उनकी सजा मुकर्र करते हुए कहा, "निस्संदेह, उनकी कद के व्यक्ति से यह उम्मीद थी कि वो किसी साधारण नागरिक से अधिक जिम्मेदारी से काम करेंगी क्योंकि वो अत्यंत भरोसे के पद पर थीं, लेकिन उनके काम से देश की छवि खराब हुई है और देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हुआ है."
कोर्ट ने हालांकि इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने के लिए उन्हें जमानत दे दी. कोर्ट ने उन्हें 25,000 रुपये का बॉन्ड और इतने ही रुपये की जमानत राशि भरने को कहा.
उन्हें शुक्रवार को सरकारी गोपनीयता कानून (ओएसए) और भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया.
कोर्ट ने हालांकि उन्हें सरकारी गोपनीयता कानून की सख्त धारा 3(1)(भाग-1) से दोषमुक्त करार दिया. इस धारा के तहत अधिकतम 14 साल की सजा का प्रावधान है.
कोर्ट ने इससे पहले शुक्रवार को दोषी करार देते हुए कहा था, ‘‘वो रक्षा, विदेश मंत्रालय और भारतीय उच्चायोग में अधिकारियों की पोस्टिंग और उनके परिवार से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध कराती थीं, जिससे उन अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों की जान को खतरा हो सकता था.''
गुप्ता ने पाकिस्तान के अधिकारियों को कुछ गोपनीय सूचना दी थी और वह आईएसआई के दो अधिकारियों मुबाशर राजा राणा और जमशेद के संपर्क में थीं. जुलाई 2010 में दाखिल आरोपपत्र के मुताबिक, गुप्ता के जमशेद के साथ संबंध थे और उनकी शादी करने की योजना थी.
07 जनवरी 2012 को निचली अदालत ने गुप्ता को सरकारी गोपनीयता कानून के तहत आरोपी ठहराया था. हालांकि 10 जनवरी को उन्हें जमानत मिल गई थी.
(इनपुट IANS से)
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