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पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करने वाले एजेंट को गिरफ्तार करने का दावा किया है. वहीं भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बलूचिस्तान में भारत के ‘रॉ’ एजेंट की कथित गिरफ्तारी पर कहा है कि गिरफ्तार व्यक्ति से भारत सरकार का कोई संबंध नहीं है.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान में पकड़ा गया शख्स इंडियन नेवी का अफसर रहा है लेकिन समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने के बाद से उससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.
पाकिस्तान का आरोप है कि पकड़े गए शख्स का नाम भूषण यादव है. जोकि इंडियन नेवी में कमांडर रैंक का अधिकारी है. पाकिस्तान का दावा है कि भूषण बलूच अलगाववादियों और आतंकियों के संपर्क में था. जो कि बलूचिस्तान में उन्हें सांप्रदायिक अधिकारों के लिए उकसा रहा था. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूषण को अफगानिस्तान बार्डर के पास बलूचिस्तान के चमन इलाके से गिरफ्तार किया गया है.
पाकिस्तान की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भूषण यादव, हुसैन मुबारक पटेल नाम के फर्जी पासपोर्ट पर सफर कर रहा था. पाकिस्तान का आरोप है कि उसके पासपोर्ट पर ईरान का वीजा है और ईरान के रास्ते ही वह बलूचिस्तान में घुसा. पकड़े गए शख्स भूषण यादव के पिता का नाम सुधीर यादव है और उसका भारतीय नौसेना का नंबर 41558Z है. पाकिस्तान का दावा है कि वह ईरान के चाबहार में तैनात था और बलूचिस्तान में 2013 से काम कर रहा था.
भारतीय विदेश मंत्रालय नेे पाकिस्तान की ओर से लगाये गये आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पाकिस्तान पहले भी भारत पर कराची और बलूचिस्तान में हिंसा भड़काने का आरोप लगाता रहा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान ने किसी रॉ एजेंट को गिरफ्तार करने का दावा किया है. हालांकि भारत ने पाकिस्तान के आरोपों का खंडन किया है. आरोपों के बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि गिरफ्तार किया गया शख्स नेवी का पूर्व अधिकारी है. जिसने नेवी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. जिसके बाद से उसका सरकार से कोई संबंध नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्वीकार करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को बुलाया और उनके सामने इस मुद्दे को उठाया था.
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