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मोस्ट वॉन्टेड अपराधी दाऊद इब्राहिम से पूछताछ कर चुके विशेष जांच अधिकारी ने अपनी किताब में उससे जुड़े अहम खुलासे किए हैं. जांच अधिकारी ने अपनी किताब में दावा किया है कि 'डॉन' एक साधारण सा दिखने वाला डरपोक आदमी है, जिसने स्वीकार किया था कि वह अपराध में शामिल था.
डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस के पूर्व डायरेक्टर जनरल बी.वी. कुमार ने अपनी नई किताब 'डीआरआई एंड द डॉन्स' में दाऊद से जुड़े कई खुलासे किए हैं.
पूर्व अधिकारी ने अपनी किताब में दावा किया है कि अंडरवर्ल्ड के एक कथित अपराधी राशिद अरबा ने उन्हें दाऊद इब्राहिम के शुरुआती ठिकानों की जानकारी दी थी. राशिद ने बॉलीवुड के लीजेंड एक्टर दिलीप कुमार की बहन से शादी की थी.
बी.वी. कुमार ने कहा कि अंडरवर्ल्ड के डॉन, विशेष रूप से दाऊद इब्राहिम और हाजी मस्तान पर किताब लिखने का उनका उद्देश्य साउथ एशिया के सबसे खूंखार गिरोहों के खिलाफ शुरुआती कठोर कार्रवाई में डीआरआई के अहम योगदान के बारे में बताना था.
बाद में जमानत पाने और दुबई भागने वाला दाऊद डीआरआई द्वारा COFEPOSA के अंतर्गत अभी भी वांछित है. यह मामला बी.वी. कुमार ने दर्ज किया था. कुमार भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के उन चुनिंदा अधिकारियों में से हैं, जिन्होंने डीआरआई के साथ-साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का भी नेतृत्व किया है. उनका करियर शानदार रहा, जिसमें उन्होंने मुंबई में अंडरवर्ल्ड के कुख्यात गिरोहों को खत्म कर दिया.
दाऊद से अपनी मुठभेड़ को याद करते हुए कुमार ने कहा कि वह 80 के दशक के मध्य में अहमदाबाद में सीमा शुल्क आयुक्त के तौर पर नियुक्त थे. तब दाऊद और करीम लाला के गिरोहों के बीच खूनी संघर्ष के कारण वहां खौफ था, जिससे महाराष्ट्र और गुजरात में शांति-व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित थी. पूर्व आईआरएस अधिकारी ने अपनी किताब में खुलासा किया है-
उन्होंने कहा, ‘मुझे घटना की जानकारी दी गई और मैंने तुरंत बड़ौदा के पुलिस आयुक्त पी.के. दत्ता से बात की.’ कुमार ने कहा-
कुमार से जब यह पूछा गया कि दाऊद एशिया के सबसे खतरनाक डॉनों में कैसे शामिल हो गया, तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मालूम होती है. उन्होंने कहा-
उन्होंने कहा, ‘वह अब उतना प्रभावशाली नहीं बचा है, जितना वह दुबई में था, जहां वह कई सेलीब्रिटीज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलता था.’ कुमार का मानना है कि दाऊद इन दिनों ठीक नहीं है, और वह शायद अपनी अंतिम सांस तक पाकिस्तान में ही रहे.
(इनपुटः IANS)
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