Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Exclusive: राहुल की किसान यात्रा का आगाज, ‘खाटसभा’ पर पूरा फोकस

Exclusive: राहुल की किसान यात्रा का आगाज, ‘खाटसभा’ पर पूरा फोकस

किसानों के वोट बैंक के भरोसे क्या खत्म होगा कांग्रेस का यूपी में 27 साल का वनवास?

नीरज गुप्ता
भारत
Updated:


राहुल गांधी ने अपनी पदयात्रा का आरंभ देवरिया में कर दिया है. (फोटोः नीरज गुप्ता)
i
राहुल गांधी ने अपनी पदयात्रा का आरंभ देवरिया में कर दिया है. (फोटोः नीरज गुप्ता)
null

advertisement

यूपी चुनाव में विरोधी पार्टियों को टक्‍कर देने के लिए कांग्रेस ने अभी से पसीना बहाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने देवरिया से दिल्‍ली तक की अपनी किसान यात्रा का आगाज कर दिया है. इस यात्रा के दौरान वे कई जगहों पर खाट सभाओं का आयोजन करने जा रहे हैं.

यूपी के चुनावी दंगल में उतर चुकी कांग्रेस सीधे-सीधे पब्‍लि‍क से जुड़ने की रणनीति अपना रही है. जाहिर है कि इस तरह के फैसले रातोंरात नहीं हुए हैं. दरअसल, कांग्रेस के हर प्लान के पीछे रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दिमाग है.

यूपी चीफ के चयन से लेकर, सीएम कैंडिडेट का ऐलान और कांग्रेस के युवराज राहुल के हाथों में यूपी इलेक्शन की कमान तक का हर फैसला प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने कई हफ्तों की दिमागी मशक्कत के बाद लिया है.

क्विंट हिंदी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, किसान महायात्रा और खाट सभा का प्लान कांग्रेस की टीम पीके ने करीब 100 दिन पहले तैयार किया था.

किसानों की कमजोरी, कांग्रेस का मुद्दा

दरअसल, यूपी की चुनावी जंग में तमाम पार्टियां दलित, पिछड़े, मुस्लिम और सवर्ण वोट बैंक की बुनियाद पर ही अपने हथियार चमका रही हैं. लेकिन अप्रैल महीने के दौरान कांग्रेस के कार्यक्रमों के दौरान खुद राहुल गांधी और टीम पीके ने जब तमाम कार्यकर्ताओं, ब्लॉक प्रमुखों और यहां तक कि विधायकों और सांसदों से बातचीत की तो कुछ मुद्दे सामूहिक तौर पर उभर कर सामने आए.

  • यूपी में करीब सत्तर लाख किसान कर्ज की मार झेल रहे हैं.
  • 2014 के चुनावों में नरेंद्र मोदी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का जो वादा किया था वो भी पूरा नहीं हुआ.
  • यूपी में किसानों से वसूली जाने वाली बिजली की दर भारत की औसत दर से ज्यादा है.

बस तय हो गया कि यूपी का चुनावी रण किसानों के दम पर लड़ा जाएगा. कांग्रेस को ये मुद्दा विरोधी पार्टियों की जाति आधारित रणनीति पर भारी पड़ता दिखा क्योंकि तमाम जातियों में किसानी से जुड़े लोग मौजूद हैं.

देवरिया से ही शुरुआत क्यों?

राहुल की इस यात्रा को अमलीजामा पहना रही टीम के एक सूत्र के मुताबिक यूपी की चालीस फीसदी चीनी मिलें देवरिया जिले में हुआ करती थीं. लेकिन 90 का दशक बीतते-बीतते, यानी कांग्रेस के यूपी की सत्ता से बाहर होने के बाद ये चीनी मिलें एक के बाद एक बंद होने लगीं. हर फसल में सरकार से भुगतान का वादा तो होता लेकिन मिलता कुछ नहीं. लिहाजा, किसानों से सरोकार दिखाने के लिए यही जगह सांकेतिक रुप से सबसे बढ़िया होगी.

करीब डेढ़ हजार खाटों पर बैठेंगे किसान (फोटोः नीरज गुप्ता)

दो चरणों में होगी यात्रा

देवरिया से दिल्ली की किसान महायात्रा को राहुल दो चरणों में पूरा करेंगे.

पहला चरण देवरिया से लखनऊ का होगा. 20 सितंबर को 3-4 दिन का ब्रेक होगा और उसके बाद लखनऊ से दिल्ली की यात्रा 9 दिन में पूरी की जाएगी. इस पूरी कसरत का अंजाम अक्तूबर के पहले हफ्ते में दिल्ली में महारैली की शक्ल में होगी.

आखिर खाट ही क्यूं?

इस पूरी यात्रा के तमाम पहलुओं पर बारीकी से काम कर रही टीम के मुताबिक लोग ‘नेता मंच पर और जनता जमीन पर’ के पारंपरिक अंदाज से परेशान हो चुकी है. राहुल के लिए ये अंदाज बदलना था. (हालांकि पिछले दिनों भी राहुल गांधी ने लखनऊ में रैंप पर चलकर कार्यकर्ताओं से बातचीत की थी.) यूपी के गांवों में होने वाले बहस-मुहाबसे खाट पर बैठकर ही होते हैं.

लिहाजा तय हुआ कि राहुल का किसानों से संवाद खाट पर बैठकर ही होगा.

खाट पर बैठकर किसानों के साथ संवाद करेंगे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (फोटोः नीरज गुप्ता)

2500 किलोमीटर की यात्रा में राहुल यूपी के तमाम इलाकों से गुजरेंगे. इस दौरान वो रात बड़े शहरों में गुजारेंगे. अगली सुबह शहर में रोड शो करेंगे और दिन में किसी गांव में खाट सभा होगी. यात्रा की पहली रात राहुल गोरखपुर में गुजारेंगे. इस दौरान होने वाली हर खाट सभा में करीब डेढ़ हजार खाट बिछेंगे.

कर्ज माफ, बिजली रेट हाफ और MSP के वादे का करो इंसाफ

तमाम मशक्कत के बावजूद टीम पीके ने महसूस किया कि राहुल यूपी के हर वोटर तक तो नहीं पहुंच सकते. लिहाजा कार्यकर्ताओं की एक बैक टीम बनाई गई जो राहुल का संदेश तमाम लोगों तक पहुंचाएंगे.

पहले दिन राहुल देवरिया के पकलड़ी गांव में डोर टू डोर अभियान के तहत दस लोगों से मिलेंगे. इन दस लोगों को ‘कर्ज माफ, बिजली दर हाफ और MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइज) के वादे का करो इंसाफ’ के वादे वाले फॉर्म के साथ एक किट दी जाएगी. (किसानों से भरवाए जाने वाले इस फॉर्म की जानकारी सबसे पहले द क्विंट ने दी थी)

ये दस लोग अगले दस दिन में सौ किसानों से ये फॉर्म भरवाएंगे.

(फोटो: द क्विंट)

इस पूरी कवायद में राहुल ढाई लाख कार्यकर्ताओं को ये किट देंगे जो आगे ढाई करोड़ लोगों से फॉर्म भरवाएंगे. इसके बाद किसानों की बदहाली की कहानी बयां करने वाले ये तमाम फॉर्म राहुल की अगुवाई में एक प्रदर्शन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुचाए जाएंगे.

तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि करीब 27 दिन की राहुल गांधी की ये यात्रा यूपी की सियासत में कांग्रेस का 27 साल का वनवास खत्म कर पाएगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 05 Sep 2016,07:23 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT