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क्या किसी दूसरे राज्य से संबंधित वीडियो, किसी दूसरे राज्य में लोगों को भड़का सकता है? क्या वायरल होते वीडियो के विजुअल्स किसी की मौत का कारण बन सकते हैं?
महाराष्ट्र के मालेगांव में पांच लोग जिनमें एक बच्चा भी शामिल है, भीड़ का शिकार होते-होते बचे. रविवार रात इन लोगों को भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में पकड़ लिया. लोगों ने चारों लोगों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया. भीड़ इन चारों की हत्या करने पर उतारू थी, लेकिन पुलिस सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंची और चारों को वहां से बचाकर ले गई.
मालेगांव पुलिस के मुताबिक, ये घटना रविवार की है. कुल पांच लोग थे, जिनमें दो पुरुष और दो महिलाएं और एक दो साल का बच्चा शामिल थे. महिलाएं और पुरुष दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे.
इससे पहले की ये लोग बच्चा चोरी के शक में भीड़ का शिकार बनते एडिशनल एसपी हर्ष पोद्दार के नेतृत्व में स्थानीय मालेगांव पुलिस खबर मिलते ही मौके पर पहुंची और पांचों लोगों की जान बच गई.
BOOM से हुई बातचीत में पोद्दार ने बताया कि चारों लोगों पर भीड़ ने उस वक्त हमला किया जब एक लड़की ने उन पर अगवा करने की कोशिश का आरोप लगाया.
उन्होंने बताया कि भीड़ बहुत गुस्से में थी. उन्होंने हालात संभालने पहुंची पुलिस को भी नहीं बख्शा और पुलिस के जवानों और सरकारी वाहन पर हमला बोल दिया.
इस साल 20 से ज्यादा निर्दोष लोग बच्चा चोरी करने के शक में भीड़ का शिकार हो चुके हैं. भीड़ में यह गुस्सा सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो की वजह से बढ़ा है. इन वीडियो में बताया गया है, 'इलाके में बच्चा चुराने वाला गैंग घूम रहा है. अपने बच्चे का ख्याल रखें.' मालेगांव का मामला भी इसी तरह के वीडियो की वजह से हुआ है. जानकारी के मुताबिक, दो हफ्तों से इसी तरह का वीडियो मालेगांव में वायरल हो रहा था, जिसके चलते लोगों में बच्चा चोरों को लेकर दहशत बनी हुई थी.
BOOM के हाथ ऐसे दो वीडियो लगे हैं, जिनकी वजह से लोगों में बच्चा चोर गैंग को लेकर दहशत फैली. पहले वीडियो में एक महिला नजर आ रही है, जिसे लोग धक्का दे रहे हैं और बेरहमी से पीट रहे हैं. इस वीडियो में लोगों को गुजराती में चीखते-चिल्लाते सुना जा सकता है.
दूसरे वीडियो में एक बच्चे के साथ साड़ी पहने हुए महिला दिख रही है, जो कि सड़क के किनारे खड़े होकर बुर्का पहन रही है. बूम ने इस बात की पुष्टि की है कि दूसरा वीडियो कर्नाटक के बैंगलोर का है. वीडियो में सिटी डेंटल क्लिनिक और डॉ. अंजना शेट्टी का नाम एक साइन बोर्ड पर दिख रहा है. इसके अलावा एक गुजरती हुई गाड़ी की नंबर प्लेट पर KA लिखा हुआ है, जिससे तस्दीक होती है कि वीडियो कर्नाटक का है.
BOOM ने मदिवाला पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि वो वीडियो के स्रोत का पता नहीं लगा सकते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके इलाके में किसी भी बच्चे के अपहरण की सूचना दी गई है, तो उन्होंने ऐसी किसी भी रिपोर्ट से इंकार कर दिया.
दोनों वीडियो मालेगांव में मराठी और हिंदी में एक संदेश के साथ वायरल किए गए थे, जिनमें कहा गया कि, "नंदुरबार के सिंधी कॉलोनी में आज एक बच्चा अगवा करने वाला पकड़ा गया. कृपया इस खबर को उन सभी को भेजें जो आपके करीबी हैं.'
BOOM से हुई बातचीत में एएसपी पोद्दार ने कहा कि फिलहाल, पुलिस सक्रियता के साथ इस तरह के वीडियो पर नजर रख रही है. इसके अलावा पुलिस अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों को फेक न्यूज और वीडियोज को लेकर जागरूक करने का प्रयास भी कर रही है.
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