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हिंदी और मैथिली साहित्य में प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक-कवि नागार्जुन का आज 108वां जन्मदिन है. उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, लेकिन हिंदी साहित्य में 'नागार्जुन' और मैथिली में 'यात्री' नाम से अपनी कविताएं लिखीं.
हिंदी कविता में कबीर के बाद बाबा नागार्जुन को ही जनकवि का उत्तराधिकारी माना जाता है. नागार्जुन को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए 'राजेंद्र शिखर सम्मान', 'कबीर सम्मान' और 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से नवाजा गया.
नागार्जुन का जन्म आज ही के दिन साल 1911 को बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था. साल 1945 के आसपास साहित्य के क्षेत्र में कदम रखा. 'युगधारा', खिचड़ी', 'प्यासी पथराई आंखें', 'विप्लव देखा हमने', 'सतरंगे पंखोंवाली', 'मैं मिलिट्री का बूढ़ा घोड़ा' जैसी अनेक रचनाओं के लिए नागार्जुन को जाना जाता है.
संगीतकार कल्याणजी वीर का आज 91वां जन्मदिन है. साल 1968 में आई फिल्म ‘सरस्वती चंद्र’ के लिए कल्याणजी-आनंद जी को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड के साथ-साथ फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया. इसके अलावा साल 1974 में आई फिल्म ‘कोरा कागज’ के लिए भी कल्याणजी-आनंद जी को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड दिया गया.
कल्याणजी वीर का जन्म आज ही के दिन साल 1928 को गुजरात के कच्छ में हुआ था. बतौर संगीतकार सबसे पहले साल 1958 मे फिल्म सम्राट चंद्रगुप्त में कल्याण जी को संगीत देने का मौका मिला. इस फिल्म में कल्याणजी ने नागिन बीन बजाई थी. ये बीन इतनी फेमस हुई की हर नाग नागिन फिल्म में इस बीन का यूज होने लगा. साल 1960 में कल्याणजी ने अपने भाई आनंद जी के साथ मिलकर फिल्मों मे संगीत देना शुरू किया.
बॉलीवुड और टीवी एक्ट्रेस अविका गौर का आज 22वां जन्मदिन है. अविका को आनंदी के नाम से भी जाना जाता है. साल 2008 में महज 11 साल की उम्र से ही अविका ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत कर दी थी. कलर्स के शो 'बालिका वधू' में आनंदी के किरदार से अविका को काफी प्रसिद्धि मिली. इसके बाद साल 2011 में शो 'ससुराल सिमर का' और 2017 में 'लाडो- वीरपुर की मर्दानी' में भी दमदार अभिनय की वजह से उन्हें दर्शकों से काफी सराहना मिली.
छोटे पर्दे के अलावा अविका हिंदी, तेलुगू और कन्नड़ भाषा की कई फिल्मों में भी नजर आ चुकी हैं. साल 2009 में इनकी पहली हिंदी फिल्म 'मार्निंग वॉक' आई. इसके बाद 'पाठशाला', 'तेज', 'उय्यला जम्पला' जैसी फिल्मों में भी दिखीं.
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