advertisement
डोमेस्टिक फ्लाइट शुरू होने के 2 दिन के अंदर ही चेन्नई-कोयंबटूर फ्लाइट में एक पैसेंजर का COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव आया. वहीं अहमदाबाद से गुवाहाटी के लिए स्पाइसजेट की उड़ान में 25 मई को यात्रा करने वाले दो यात्री भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल है कि, क्या होगा अगर आप उसी फ्लाइट में यात्रा कर रहे हैं, जिसमें किसी पैसेंजर का COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है? और क्या आपकी जांच की जाएगी अगर आपके बगल में बैठा पैसेंजर कोरोना संक्रमित पाया जाता है?
क्या फ्लाइट से ट्रैवल करने वाले सभी यात्रियों का कोविड टेस्ट किया जाएगा?
यह राज्यों पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, कर्नाटक ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात जैसे रेड जोन राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों के लिए कोविड-19 टेस्ट अनिवार्य कर दिया है.
अगर मेरे बगल में बैठा पैसेंजर कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो क्या मेरी जांच होगी?
हां आपकी जांच होगी, जब भी कोई शख्स कोरोना संक्रमित पाया जाता है, कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाती है और उन सभी लोगों की जांच की जाती है जो संक्रमित के संपर्क में आए हों.
हालांकि , यह राज्य के हेल्थकेयर प्रोटोकॉल पर भी निर्भर हो सकता है.
चेन्नई-कोयंबटूर फ्लाइट में एक शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, क्या फ्लाइट के सभी यात्रियों की जांच की गई?
कोयंबटूर प्रशासन ने किस तरह इस केस को तुरंत लोकेट किया? तमिलनाडु सरकार के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के मुताबिक, घरेलू उड़ानों में सभी पैसेंजर्स की टेस्टिंग अनिवार्य नहीं है.
रेवेन्यू और डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के सरकारी आदेश के मुताबिक, जिनमें लक्ष्ण हैं, केवल उन्हीं का टेस्ट किया जाएगा, जिनमें लक्ष्ण नहीं हैं, वो होम क्वॉरन्टीन या इंस्टीट्यूशनल क्वॉरन्टीन का ऑप्शन चुन सकते हैं.
हालांकि, कोयंबटूर जिला प्रशासन ने कोयबंटूर एयरपोर्ट पर सभी पैसेंजर्स का RT-PCR टेस्ट (स्वैब टेस्ट) करने का फैसला लिया.
बाकी पैसेंजर्स का क्या? जिला प्रशासन ने कहा है कि शख्स के साथ सफर करने वाले सभी पैसेंजर्स क्वॉरन्टीन में हैं. 27 मई को, फ्लाइट्स से 361 पैसेंजर्स कोयंबटूर आए. इन सभी का सैंपल लिया गया है. इसमें से 231 पैसेंजर्स कोयंबटूर के ही रहने वाले हैं. ये सभी होम क्वॉरन्टीन में हैं और बाकी सब इंस्टीट्यूशनल क्वॉरन्टीन में हैं.
कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों के लिए क्या कोई दिशानिर्देश जारी किया है?
इस बारे में न तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और न ही उड्डयन मंत्रालय ने कोई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. यह राज्य सरकारों के दायरे में छोड़ दिया गया है कि वे अपने राज्यों के लिए एसओपी तय करें.
राजधानी दिल्ली से लुधियाना की फ्लाइट में क्या हुआ था? क्या सभी पैसेंजर की जांच की गई?
27 मई को एयर इंडिया की ओर से कहा गया था कि राजधानी दिल्ली से लुधियाना की उड़ान में सवार एक यात्री कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. जिसके बाद चालक दल के 5 सदस्यों समेत कुल 41 लोगों को क्वॉरंटीन किया गया.
फ्लाइट में सफर के दौरान क्या सावधानी रखनी चाहिए ?
हर किसी के लिए यह एक बड़ी चिंता है. एमोरी यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, इन्फ्लूएंजा या ड्रॉपलेट (छोटी बूंदों) से फैलने वाली किसी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त यात्री द्वारा एक कतार से ज्यादा दूर तक संक्रमण (कोरोना वायरस भी एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है जो ड्रॉपलेट के माध्यम से फैलता है) फैलाने की संभावना नहीं है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी एक संक्रमित व्यक्ति से कॉन्टैक्ट को एक दूसरे से दो कतारों के अंदर बैठाए जाने के रूप में परिभाषित करता है.
जब संक्रमित शख्स खांसता या छींकता है और ये ड्रॉपलेट्स आप पर पड़ती हैं. अगर आप इन ड्रॉपलेट को छूते हैं और फिर अपने चेहरे को छूते हैं, तो आप संक्रमित हो सकते हैं. आप इस बारे में यहां पढ़ सकते हैं कि ये ड्रॉपलेट कितनी दूर तक जा सकती हैं.
स्टडी के मुताबिक, वायरस के संपर्क में आने की संभावना- फ्लाइट में आपकी मूवमेंट, एक-दूसरे से संपर्क (फिगर 2 देखें). और अगर आप एक केबिन क्रू मेंबर हैं, तो आपकी संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)