advertisement
भारत के नए कृषि कानूनों में ‘कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए आगे के एक अहम कदम का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता है.’ एनडीटीवी के मुताबिक, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने यह बात कही है. हालांकि उसने यह भी कहा है कि नई प्रणाली में जाने से जो लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, उनका भी उचित तरीके से ध्यान रखा जाना चाहिए. IMF के कम्युनिकेशन डायरेक्टर गेरी राइस ने गुरुवार को वॉशिंटगन में रिपोर्टर्स से ये बातें कहीं.
उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में जिन पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका हो, उनके लिए कुछ ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि वे रोजगार बाजार में समायोजित हो सकें.
कई किसान संगठन कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं.
हालांकि, किसान संगठनों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खतरे में आ जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों पर निर्भर छोड़ दिया जाएगा. मगर सरकार ने कहा है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाल ही में इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)