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ट्विटर ने 2 दिसंबर को बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के किसान प्रदर्शन की एक एडिटेड क्लिप वाली वीडियो के ट्वीट को 'मैनीपुलेटेड मीडिया' लेबल किया था.
ट्वीट एक वायरल तस्वीर को लेकर था, जिसमें एक पुलिसवाला लाठी लेकर आता है और एक बुजुर्ग शख्स भाग रहा है. इस तस्वीर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया था. इसके जवाब में मालवीय ने एक ‘Propaganda vs Reality’ वीडियो शेयर किया और दावा किया कि पुलिस ने बुजुर्ग किसान को छुआ तक नहीं था.
तस्वीर में दिख रहे किसान सुखदेव सिंह ने NDTV को बताया कि उन्हें पुलिस से कई बार मार पड़ी और उनके पूरे शरीर पर निशान पड़ गए हैं. अपने निशान दिखाते हुए सुखदेव सिंह ने कहा, "उन्होंने हमें वॉटर केनन से मारा, आंसू गैस और फिर लाठियों से भी मारा... मुझे पूरे शरीर, पैरों और पीठ पर मार पड़ी है."
फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने इस तस्वीर को क्लिक करने वाले पीटीआई के फोटोग्राफर रवि चौधरी से संपर्क किया. रवि ने ऑल्ट न्यूज को बताया: "मैंने तस्वीर दूसरी तरफ से क्लिक थी और ये पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि लाठी ने किसान को छुआ था या नहीं क्योंकि उस समय बहुत ज्यादा हलचल थी. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर रही थी और वो किसान खुद को बचाने के लिए दूसरी दिशा में भाग रहा था. अगर इस पुलिसवाले की लाठी नहीं लगी तो उन्हें किसी और पुलिसवाले की मार पड़ी हो सकती है."
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