Home News India किसान-केंद्र के बीच 2 मुद्दों पर सहमति,प्रदर्शन जारी-10 बड़ी बातें
किसान-केंद्र के बीच 2 मुद्दों पर सहमति,प्रदर्शन जारी-10 बड़ी बातें
किसानों और सरकार के बीच हई 7वें दौर की बातचीत
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भारत
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केंद्र सरकार और किसानों के बीच 7वें दौर की बातचीत भी खत्म हो चुकी है. लेकिन इस बार भी कृषि कानूनों को लेकर कोई हल नहीं निकल पाया है. किसानों ने फिर दोहराया है कि उनका प्रदर्शन फिलहाल जारी रहेगा. लेकिन इस दौर की बैठक में दो अहम मुद्दों पर सहमति बन गई है. यानी 4 मुद्दों में से 2 मुद्दों को हल कर लिया गया है. जानिए इस बैठक के शुरू होने से लेकर अब तक की 10 बड़ी बातें.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, आज विज्ञान भवन में किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं की बैठक हुई. पहले की तरह आज की बैठक भी सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई. किसानों ने जो चार विषय चर्चा के लिए रखे थे. उनमें से दो विषयों पर रजामंदी हो चुकी है.
कृषि मंत्री ने बताया कि पहला जो पर्यावरण से संबंधित कानून है, उसमें किसानों की चिंता को देखते हुए रजामंदी हो गई है. दूसरा इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, जो अभी आया नहीं है, लेकिन किसानों को लगता है कि इससे किसानों को नुकसान होगा. बिजली की सब्सिडी पहले की तरह चलनी चाहिए, ये मांग थी. उस मांग पर भी सरकार और संगठनों के बीच में रजामंदी हो गई है. यानी 50 फीसदी समाधान हो चुका है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीन कानूनों को रद्द करने की बात किसान करते रहे हैं. हम लोगों ने उन्हें अपने तर्कों से ये बताने की कोशिश की, किसान की कठिनाई पर सरकार विचार करने को तैयार है. एमएसपी पर भी सरकार पहले से ही ये कहती रही है कि एमएसपी जारी है और जारी रहेगी. ये हम लिखित में देने को तैयार हैं. लेकिन अगर किसानों को लगता है कि इसे कानूनी दर्जा मिलना चाहिए, तो इसे लेकर अभी चर्चा होनी है. इन विषयों पर चर्चा अब 4 जनवरी को होगी.
बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि, किसान नेताओं को इस सर्दी के मौसम में बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर भेज देना चाहिए, इसके लिए भी किसानों से अपील की गई है. तोमर ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच मामला सुलझ जाएगा. समति बनाने पर भी चर्चा हुई, लेकिन पूरी तरह सहमति नहीं बनी है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अच्छे माहौल में सरकार से बात हुई है. उन्होंने कहा कि 4 में से दो चीजें हो चुकी हैं. कमेटी की बात नहीं हुई है. टिकैत ने कहा कि प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. अब 4 तारीख को होने वाली बैठक में दो मुद्दों पर चर्चा होगी. टिकैत ने बताया कि ट्रैक्टर ट्रॉली मार्च को स्थगित कर दिया गया है.
मोदी सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश किसानों के साथ बैठक के लिए विज्ञान भवन पहुंचे थे. वहीं किसान संगठनों के 40 नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया.
बैठक की शुरुआत में ही किसान संगठनों की तरफ से सरकार से मांग की गई कि वो उन किसानों के परिवार को मुआवजा दे, जिनकी कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मौत हुई है.
बैठक के दौरान एक अलग तस्वीर भी दिखाई दी. जब ब्रेक हुआ तो केंद्रीय मंत्रियों ने भी किसानों के साथ खड़े होकर उनका ही खाना खाया. इस दौरान किसान और मंत्री बातचीत भी करते नजर आए. किसानों ने अपने लिए सिंघु बॉर्डर से ही खाना मंगवाया था. जिसे लंगर की तरह खाया गया.
बैठक से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने विपक्ष को इस हालत का जिम्मेदार बताया था. उन्होंने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष नहीं होने की वजह से किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ा है. विपक्ष को कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर विरोध में बैठना चाहिए.
इस 7वें दौर की बातचीत के 4 प्रमुख मुद्दे थे. पहला मुद्दा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का था. दूसरी प्रमुख मांग एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने और तीसरी मांग एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए बने कानून के तहत एक्शन के दायरे से किसानों को बाहर रखने की है. चौथी मांग के तौर पर विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लेने की बात कही है.
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