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किसान आंदोलन सुलझाने की कवायद तेज, नड्डा के घर बैठक,शाह रहे मौजूद

गृहमंत्री के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया है, वो बुराड़ी में प्रदर्शन करने को तैयार नहीं हैं.

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किसान आंदोलन सुलझाने की कवायद तेज, नड्डा के घर बैठक,शाह रहे मौजूद
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दिल्ली में चल रहे 'किसान आंदोलन' ने सरकार की परेशानियां बढ़ा दी हैं. किसानों की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा गया कि वो किसी भी शर्त मानने को तैयार नहीं हैं, साथ ही अगले चार महीने के लिए सड़क पर प्रदर्शन के लिए भी तैयार हैं. इसके बाद केंद्र सरकार में इस मसले को सुलझाने की कवायद तेज हो गई है. रविवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर अहम बैठक हुई. इस मीटिंग की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि हैदराबाद से लौटते ही गृहमंत्री इस बैठक में शामिल हुए. पीटीआई के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बैठक में मौजूद थे.

गृहमंत्री के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज किया

गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से बुराड़ी के निरंकारी मैदान में शिफ्ट होने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि बुराड़ी में निर्धारित मैदान में शिफ्ट होने के अगले ही दिन सरकार बातचीत करेगी. गृह सचिव ने किसान नेताओं को पत्र भी भेजकर यह ऑफर दिया था. लेकिन किसान संगठनों ने रविवार को बुराड़ी ग्राउंड में एकत्र होने की सरकार की अपील ठुकरा दी थी. किसानों का कहना है कि बातचीत के लिए उन्हें किसी तरह की शर्त मंजूर नहीं है.

रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों की तरफ से कहा गया कि वो बुराड़ी में प्रदर्शन करने को तैयार नहीं हैं, उन्हें प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर ही जाना है. इसी के साथ किसानों ने बुराड़ी में प्रदर्श की जगह को ‘ओपन जेल’ करार दिया और ये भी कहा कि वो चार महीने तक रोड पर ही ये प्रदर्शन कर सकते हैं, उन्होंने इसके लिए पूरी व्यवस्था कर रखी है. किसानों की तरफ से ये भी ऐलान किया गया कि किसी भी पार्टी के किसी नेता को मंच साझा नहीं करने दिया जाएगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि तीन दौर की बात सरकार ने कर ली है, चौथी बार 3 दिसंबर को मिलेंगे, ये कहा गया था, ऐसा नहीं है कि सरकार बात नहीं कर रही है वार्ता का दौर चल रहा है, किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत का रास्ता बनाना चाहिए.

27 नवंबर से प्रदर्शन तेज है

पंजाब के किसानों के बीते 27 नवंबर से दिल्ली सीमा का घेराव किए जाने से आवागमन पर बुरा असर पड़ा है. ट्रकों के रुकने से जरूरी सामानों की सप्लाई का संकट गहराया है. ऐसे में सरकार दिल्ली सीमा पर किसानों के आंदोलन को जल्द से जल्द खत्म कराने के लिए गंभीर हुई है. बीजेपी नेताओं के मुताबिक, संगठन और सरकार दोनों इस दिशा में समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं.

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Published: 29 Nov 2020,11:04 PM IST

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