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तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध की आंच अब उत्तर प्रदेश के बीजेपी नेताओं तक पहुंच गई है. उत्तर प्रदेश के शामली में कृषि कानूनों के फायदे बताने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को रविवार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. हाल ये हुआ कि पहले तो उन्हें गांव में जाने से रोका गया फिर बिना किसान नेताओं से मिले ही वापस लौटना पड़ा.
मीडिया रिपोर्ट की माने तो बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के अपने किसान नेताओं और जाट समाज के नेताओं को किसानों के बीच जाकर कृषि कानूनों को लेकर सरकार का पक्ष समझाने की जिम्मेदारी दी है. इसी क्रम में किसानों और खाप चौधरियों से बातचीत करने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान, विधायक उमेश मलिक, राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह समेत कई बीजेपी नेता शामली के गांव भैंसवाल पहुंचे थे. यहां वे बत्तीसा खाप के चौधरी बाबा सूरजमल से मिलने आए थे, लेकिन गांव में मौजूद किसानों और ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया. किसानों ने BJP मुर्दाबाद के नारे लगाए.
इससे पहले संजीव बालियान बाकी नेताओं के साथ लिसाढ़ गांव गए थे, वहां भी उन्हें किसानों की नाराजगी झेलनी पड़ी. संजीव बालियान ने लिसाढ़ में मलिक गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह से उनके घर पर मुलाकात तो की, लेकिन इस दौरान भी बीजेपी केनेताओं को किसानों की खरी-खोटी सुननी पड़ी.
बता दें कि अभी हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह ने केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के आवास पर पश्चिमी यूपी के सभी जाट नेताओं की बैठक की थी.
न्यूज एजेंसी IANS ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बैठक में यह भी कहा गया कि जगह-जगह पंचायतों के जरिए राकेश टिकैत जाटों का चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में बीजेपी नेताओं को इस बारे में सोचना होगा. IANS के मुताबिक मीटिंग में ये भी बताया गया कि पश्चिम यूपी में जाटों के बीच जनसंपर्क अभियान की कमान केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान संभालेंगे.
इन सबके बीच खास बात है कि जाटों की जिस खाप के संजीव बालियान हैं, उसी खाप से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी हैं,
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