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किसान अपनी मांगों पर जस का तस खड़े हैं. सिंघु बॉर्डर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान यूनियन ने कहा कि वो बुराड़ी में प्रदर्शन करने को तैयार नहीं हैं, उन्हें प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर ही जाना है. इसी के साथ किसानों ने बुराड़ी में प्रदर्श की जगह को 'ओपन जेल' करार दिया और ये भी कहा कि वो चार महीने तक रोड पर ही ये प्रदर्शन कर सकते हैं, उन्होंने इसके लिए पूरी व्यवस्था कर रखी है.
किसानों की तरफ से ये भी ऐलान किया गया कि किसी भी पार्टी के किसी नेता को मंच साझा नहीं करने दिया जाएगा.
इस बीच हरियाणा के खाप पंचायतों ने किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देेने की बात कही है.
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह के प्रदर्शन स्थल संबंधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. अब किसान दिल्ली सीमा पर ही धरना देंगे और सभी रास्तों को बंद करेंगे. अमित शाह ने किसानों से कहा था कि अगर किसान सरकार द्वारा तय जगह पर प्रदर्शन के लिए चले जाते हैं, तो अगले दिन सरकार उनसे बात करने के लिए तैयार हो जाएगी.
30 किसान संगठनों के ज्वाइंट फोरम ने अमित शाह के प्रस्ताव को रद्द किया है. यह किसान संगठन अब उन किसानों को भी वापस बुलाएंगे, जो निरंकारी मैदान पहुंच चुके हैं. पंजाब-हरियाणा से आए हजारों किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली प्रदर्शन करने पहुंचे हैं.
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