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बुराड़ी ओपन जेल,वहां नहीं जाएंगे,हम 4 महीने रोड पर रह लेंगे: किसान

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह के प्रदर्शन स्थल संबंधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

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किसान यूनियन की प्रेस कॉन्फ्रेंस, 29 नवंबर की तस्वीर
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किसान यूनियन की प्रेस कॉन्फ्रेंस, 29 नवंबर की तस्वीर
(फोटो: PTI)

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किसान अपनी मांगों पर जस का तस खड़े हैं. सिंघु बॉर्डर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान यूनियन ने कहा कि वो बुराड़ी में प्रदर्शन करने को तैयार नहीं हैं, उन्हें प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर ही जाना है. इसी के साथ किसानों ने बुराड़ी में प्रदर्श की जगह को 'ओपन जेल' करार दिया और ये भी कहा कि वो चार महीने तक रोड पर ही ये प्रदर्शन कर सकते हैं, उन्होंने इसके लिए पूरी व्यवस्था कर रखी है.

किसानों की तरफ से ये भी ऐलान किया गया कि किसी भी पार्टी के किसी नेता को मंच साझा नहीं करने दिया जाएगा.

किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस की तीन बड़ी बातें-

  1. बुराड़ी ओपन जेल है, वहां नहीं जाएंगे -
  2. 5 बिंदुओं से दिल्ली की घेराबंदी करेंगे, 4 महीने के प्रदर्शन की पूरी व्यवस्था
  3. किसी भी सियासी दल के नेता को मंच साझा नहीं करने देंगे
प्रेस कॉन्प्रेंस के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि तीन दौर की बात सरकार ने कर ली है, चौथी बार 3 दिसंबर को मिलेंगे, ये कहा गया था, ऐसा नहीं है कि सरकार बात नहीं कर रही है वार्ता का दौर चल रहा है, किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत का रास्ता बनाना चाहिए.

किसानों के समर्थन में हरियाणा के खाप पंचायत

इस बीच हरियाणा के खाप पंचायतों ने किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देेने की बात कही है.

हरियाणा के सारे खाप आज से एक साथ मिलकर हर तरीके से किसान प्रदर्शन का समर्थन करेंगे. कल खाप इकट्ठा होंगे और दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे. हम केंद्र सरकार से किसान कानूनों पर दोबारा सोचने का आग्रह करते हैं. हर एक को अपनी बात रखने का अधिकार है.
सोमबीर सांगवान, खाप प्रधान, हरियाणा
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अमित शाह के प्रस्ताव को किया खारिज

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह के प्रदर्शन स्थल संबंधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. अब किसान दिल्ली सीमा पर ही धरना देंगे और सभी रास्तों को बंद करेंगे. अमित शाह ने किसानों से कहा था कि अगर किसान सरकार द्वारा तय जगह पर प्रदर्शन के लिए चले जाते हैं, तो अगले दिन सरकार उनसे बात करने के लिए तैयार हो जाएगी.

लेकिन किसानों की मांग है कि उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति दी जाए. इससे पहले कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार किसानों से 3 दिसंबर को बात करेगी.

30 किसान संगठनों के ज्वाइंट फोरम ने अमित शाह के प्रस्ताव को रद्द किया है. यह किसान संगठन अब उन किसानों को भी वापस बुलाएंगे, जो निरंकारी मैदान पहुंच चुके हैं. पंजाब-हरियाणा से आए हजारों किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली प्रदर्शन करने पहुंचे हैं.

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Published: 29 Nov 2020,05:09 PM IST

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