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कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन अब नया मोड़ ले रहा है. यूपी प्रशासन की कार्रवाई के बाद कहा जा रहा था कि गाजीपुर में किसान आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन तस्वीर एकदम बदल गई है. 28 जनवरी को किसान नेता और बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक वीडियो ने गाजीपुर बॉर्डर पर नया जनसैलाब खड़ा कर दिया है. मुजफ्फरनगर, बिजनौर और पश्चिमी यूपी से भारी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं.
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स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ''पिछले 72 घंटों में जो षड्यंत्र हुआ है उसको तोड़ने के लिए अगले 72 घंटों में अब हमें सब कुछ ठीक करना है. देश के हर किसान के घर से 1-1 साथी मोर्चे पर पहुचेंगे और मोर्चे को मजबूत करेंगे.''
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ''मैं किसानों से कहना चाहता हूं हम सब आपके साथ हैं. एक इंच पीछे मत हटिए, ये आपका भविष्य है. ये जो 5-10 लोग आपका भविष्य चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं, इन्हें मत चोरी करने दीजिए, हम आपकी पूरी मदद करेंगे.''
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ''सरकार ने साजिश कर आंदोलन 20 फीट गहरे गड्ढे में उतार दिया था, लोगों को किसानों के झंडे से नफरत हो जाती. यहां पर 2 हजार पुलिस के लोग थे हमें ऐतराज नहीं था. (हमसे कहा कहा था कि) गिरफ्तारी दे दो या जगह छोड़कर चले जाओ.. मैंने कहा गिरफ्तारी ले लो दो-चार हम नेताओं की, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं होगा...लेकिन मुझे समझ आ गया था, 84 के दंगों से खतरनाक स्थिति होगी... फिर मैंने कहा ना गिरफ्तारी दूंगा ना आंदोलन खत्म होगा...पानी हटाया तो मैंने कहा कि जब तक गांव से पानी नहीं आएगा, पानी नहीं पियूंगा.''
भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने कहा, ''सरकार हठधर्मी हो रही है, अगर सरकार चाहती तो फैसला बहुत जल्दी हो जाता. अगर मुद्दे का हल नहीं होता तो गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन चलेगा.''
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
सिंघु बाॅर्डर पर झड़प होने के बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, सिंघु बाॅर्डर पर हुई झड़प में अलीपुर के एसएचओ घायल हो गए.
दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर टियर गैस का इस्तेमाल किया, अपने आपको स्थानीय निवासी बता रहा लोगों का समूह सिंघु बाॅर्डर पर जमा हुआ और बाॅर्डर को खाली करने की मांग की, जहां किसानों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प भी हुई.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि किसानों को इस ठंड में पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले झेलने पड़े. ये तीनों कानून वापस होने चाहिए, इसके लिए आज हम लोगों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और वहां नारे लगाए. हम लोगों को सेंट्रल हॉल में नहीं घुसने दिया गया
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने सिंघु बाॅर्डर जाकर किसानों के लिए की गईं व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
मौके पर पहुंचकर सिसोदिया ने कहा "किसान नेताओं ने सीएम से पानी, बिजली और टॉयलेट्स की सुविधा के लिए निवेदन किया था. रात को ही यहां व्यवस्था कर दी गई थी. मैं निरीक्षण करने आया हूं कि कोई दिक्कत तो नहीं आ रही.
लेफ्ट पार्टियों के सांसदों ने कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद की तरफ विरोध प्रदर्शन मार्च निकाला.
गाजीपुर बाॅर्डर से राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने कहा- आज संसद के सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए. अगर सरकार पीछे हटती है, तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी. प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें.
सिंघु बॉर्डर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि सरकार जो भी करे हम सिंघु बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे. जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और MSP पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे.
किसान नेता और बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि वो गाजीपुर बॉर्डर से नहीं हटेंगे. लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए टिकैत ने कहा, “हम ये जगह खाली नहीं करेंगे. हम अपने मुद्दों को लेकर सरकार से बात करेंगे.”
राष्ट्रीय लोक दल (RLD) नेता जयंत चौधरी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं. पिछले दो महीनों से किसान यहां नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के समर्थन में ट्वीट करते हुए बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने लिखा कि बीजेपी को छोड़कर पूरा हिंदुस्तान किसानों के साथ खड़ा है.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद से भारी संख्या में किसान बॉर्डर पहुंच रहे हैं. ज्यादातर किसान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, बिजनौर जैसे पश्चिमी यूपी से यहां पहुंच रहे हैं.
NH-24 और गाजीपुर बॉर्डर पर आने और जाने वाले यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है.
रिपोर्ट्स हैं कि गुरुवार देर शाम से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, गाजीपुर, सिंघु, औचंडी, मंगेश, सबोली, पिआओ मनियारी बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि, वो प्रदर्शन स्थल को खाली नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वो आंदोलन को खत्म नहीं करने वाले हैं.
इससे पहले मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान टिकैत फफक-फफककर रोते नजर आए. उनका कहना है कि बीजेपी के लोगों ने धोखा दिया है और किसानों को बदनाम करने की साजिश रची है.
भावुक होकर टिकैत ने ये भी बताया कि उन्होंने बीजेपी के लिए वोट किया था लेकिन ऐसा कभी सोचा नहीं था कि उनके साथ सही नहीं होगा.
शिरोमणि अकाली दल ने भी कहा है कि, “हम कसानों के आंदोलन को दबाने की इस कोशिश की निंदा करते हैं. किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को किसान नेताओं के खिलाफ यूएपीए लगाकर कुचला जा रहा है.”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी किसानों के आंदोलन को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि, "ये एक साइड चुनने का समय है. मेरा फैसला साफ है. मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं."
किसानों के प्रदर्शन को खत्म करवाने के आदेश जारी होने को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की. आज गाजीपुर, सिंघू बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है. ये लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है. कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी. किसान देश का हित हैं. जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं.”
गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर अब आदेश जारी हो चुके हैं. गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से प्रदर्शन स्थल खाली कराने को कहा गया है. इसे देखते हुए अब गाजीपुर बॉर्डर पर धारा-144 भी लगा दी गई है.