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Farmers Protest: पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान प्रीतपाल सिंह को कथित तौर पर पुलिस कार्रवाई के दौरान गंभीर चोटें लगीं. पहले उनका इलाज पीजीआईएमएस अस्पताल, रोहतक चल रहा था. इसके बाद उन्हें शनिवार, 24 फरवरी को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है, जहां उन्हें शाम 7 बजे के आसपास भर्ती कराया गया था.
घायल किसान प्रीतपाल पंजाब के संगरूर के नवागांव के रहने वाले हैं.
पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने इससे पहले शनिवार को अपने हरियाणा समकक्ष संजीव कौशल को पत्र लिखकर प्रीतपाल को "पंजाब सरकार द्वारा मुफ्त इलाज" के लिए सौंपने का अनुरोध किया था.
इससे पहले, आरोप लगे कि 21 फरवरी को खनौरी में संगरूर-जींद सीमा से एक प्रदर्शनकारी किसान का हरियाणा पुलिस ने कथित तौर पर "किडनैप" कर लिया था. इसके बाद हरियाणा पुलिस ने अपहरण के आरोपों का खंडन किया था, और घोषणा की थी कि एक घायल किसान, जिसकी पहचान प्रीत सिंह के रूप में हुई है, को रोहतक के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस) में भर्ती कराया गया था.
प्रीतपाल के भाई गुरजीत सिंह ने द क्विंट से पुष्टि की कि प्रीतपाल को शनिवार शाम करीब 7 बजे पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया जा रहा है.
मौजूदा किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान, पंजाब के कई किसानों ने दोनों राज्यों को अलग करने वाली शंभू और खनौरी सीमाओं पर हरियाणा पुलिस द्वारा "क्रूर कार्रवाई" का आरोप लगाया है.
हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियों, छर्रों और पानी की बौछारों का सहारा लिया है.
उनका यह भी आरोप है कि 30 वर्षीय प्रीतपाल सिंह को 21 फरवरी को हरियाणा पुलिस बोरी में डालकर अपने साथ ले गए और उसे बहुत पीटा. उनका दावा है कि प्रीतपाल उस समय खनौरी सीमा पर ट्रैक्टर-ट्रॉली पर 'लंगर' बांट रहा था.
द क्विंट से बात करते हुए प्रीतपाल के भाई गुरजीत सिंह ने दावा किया, "प्रीतपाल को हरियाणा पुलिस खनौरी बॉर्डर से ले गई थी. वे उसे उस तरफ (हरियाणा में) ले गए. उन्होंने उसे बोरी में डाल दिया और बेरहमी से पीटा."
क्विंट से बात करते हुए किसान नेता बलदेव सिंह ने जोर देकर कहा कि प्रीतपाल को हरियाणा से बाहर ले जाना जरूरी था.
तस्वीरों में दिख रहा है कि प्रीतपाल की आंखों, जबड़े और पांव में चोट आई हैं
तस्वीरों में दिख रहा है कि प्रीतपाल की आंखों, जबड़े और पांव में चोट आई हैं
तस्वीरों में दिख रहा है कि प्रीतपाल की आंखों, जबड़े और पांव में चोट आई हैं
तस्वीरों में दिख रहा है कि प्रीतपाल की आंखों, जबड़े और पांव में चोट आई हैं
तस्वीरों में दिख रहा है कि प्रीतपाल की आंखों, जबड़े और पांव में चोट आई हैं
इस बीच, हरियाणा पुलिस ने कहा है कि प्रीतपाल को पीजीआई रोहतक में उचित इलाज मिल रहा है. 21 फरवरी को एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में, हरियाणा पुलिस ने "किडनैपिंग" की "फर्जी खबर" का भी खंडन किया था. ट्वीट में कहा गया, "वह पूरी तरह से खतरे से बाहर हैं."
हालांकि, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के कारण, पंजाब के किसानों और प्रीतपाल के परिवार के बीच प्रीतपाल के इलाज को लेकर अभी भी आशंकाएं थीं.
इस मुद्दे पर एक राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया था. शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर अपने ही निवासियों के अधिकारों की रक्षा नहीं करने का आरोप लगाया था.
23 फरवरी को पंजाबी में एक पोस्ट में SAD के बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने सीएम मान से हरियाणा पुलिस द्वारा "किडनैप" किए गए घायल किसान को वापस पंजाब लाने का आग्रह किया था.
गौरतलब है कि प्रीतपाल के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत भी मामला दर्ज किया है. मजीठिया ने इसे ''सरासर धोखाधड़ी'' बताते हुए मामला वापस लेने की भी वकालत की.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 23 फरवरी को प्रीतपाल की मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी थी, जब उसके पिता दविंदर सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और उसे पंजाब के एक अस्पताल में ट्रांसफर करने की मांग की थी.
पीजीआई रोहतक से रिपोर्ट मांगने के अलावा, जस्टिस हरकेश मनुजा की बेंच ने वारंट अधिकारी को यह निर्देश दिया था कि अगर प्रीतपाल को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है तो उसे रिहा किया जाए. मामले की अगली सुनवाई सोमवार, 26 फरवरी को होगी.
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