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हमारे धैर्य की परीक्षा न ले सरकार,करे बातचीत:संयुक्त किसान मोर्चा 

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा- बारिश की वजह से खाने और रहने की स्थिति खराब हो रही है

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भारत
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गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान
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गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान
(फाइल फोटो: IANS)

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दिल्ली में बारिश के चलते बढ़ती मुश्किलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार से फिर से बातचीत की शुरुआत करने को कहा है. इस संगठन ने बुधवार को केंद्र से कहा, ‘‘हमारे धैर्य की परीक्षा न लें, बातचीत की शुरुआत करें और हमारी मांगों को मान लें.’’

एसकेएम ने कहा,

  • ''किसान आंदोलन में 470 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. कई आंदोलनकारियों को अपनी नौकरियां, पढ़ाई और दूसरे काम छोड़ने पड़े और सरकार अपने नागरिकों, ‘अन्न दाताओं’ के प्रति ही कितना अमानवीय और लापरवाह रुख दिखा रही है.''
  • ''यह सरकार किसानों की हितैषी होने का बहाना करती है, जब यह किसी राज्य में फसल के उत्पादन या निर्यात में बढ़ोतरी का पूरा श्रेय लेती है तो इसे हर नागरिक की क्षति और दूसरे नुकसानों की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए जो दिल्ली की सीमाओं पर हो रही है.''
  • ''सरकार अगर अपने किसानों की चिंता करती है और उनका कल्याण चाहती है तो उसे किसानों से बातचीत शुरू करनी चाहिए और उनकी मांगें माननी चाहिए.’’
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प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा, ‘‘बारिश की वजह से खाने और रहने की स्थिति खराब हो रही है. सड़कें और प्रदर्शन स्थल के कई हिस्से बारिश के पानी से भर गए हैं.’’

बता दें कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के तीन बॉर्डर प्वाइंट्स- सिंघू, टीकरी और गाजीपुर - पर करीब छह महीने से धरना दे रहे हैं. ये किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.

प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच अभी तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.

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Published: 20 May 2021,11:06 AM IST

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