Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-201926 को 50 Km की किसान गणतंत्र परेड,किसान नेताओं ने बताया पूरा प्लान

26 को 50 Km की किसान गणतंत्र परेड,किसान नेताओं ने बताया पूरा प्लान

किसान नेता बोले- यह परेड पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगी

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी
i
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी
(फाइल फोटो: IANS)

advertisement

केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रस्तावित दिल्ली में 'किसान गणतंत्र परेड' की रूपरेखा सामने रखी. इस दौरान बताया गया कि 50 किलोमीटर की यह परेड आउटर रिंग रोड पर होगी.

सिंघु बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने 'किसान गणतंत्र परेड' को लेकर बताया,

  • यह परेड पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगी.
  • गणतंत्र दिवस परेड में किसी तरह की बाधा नहीं डाली जाएगी.
  • किसी राष्ट्रीय स्मारक पर हमले की कोई कोशिश नहीं होगी.
  • हर वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज और किसान संगठन का झंडा होगा. किसी भी राजनीतिक पार्टी का झंडा नहीं होगा.
  • देश के जिन इलाकों से लोग दिल्ली नहीं पहुंच सकते, वहां राज्य की राजधानी में ऐसी ही किसान गणतंत्र परेड आयोजित होगी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इसके साथ ही यादव ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट भी किसान परेड के मामले से अपनी गरिमा के हिसाब से डील करेगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक अन्य किसान नेता ने कहा कि किसान परेड का मकसद यह है कि हम पूरे देश को बताएंगे कि हम देश के अन्नदाता हैं, आप हमारा दुख-दर्द देखिए. उन्होंने कहा कि हम जनता को यह संदेश देंगे कि आपके अन्नदाता का अस्तित्व खतरे में है, हमारी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है.

बता दें कि किसान संगठन केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

सरकार और किसान नेताओं के बीच इस मसले को लेकर 9 दौर की बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 17 Jan 2021,05:51 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT