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‘आंदोलनजीवी’ पर किसानों का PM को जवाब- जन आंदोलनों से डरती है BJP

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व है

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भारत
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व है
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व है
(फोटो: PTI)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में किसान आंदोलन का जिक्र किया और इस दौरान उन्होंने कुछ आंदोलनकारियों को आंदोलनजीवी बताकर तंज भी कसा. अब प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने पीएम के इस बयान की आलोचना की है. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, हम पीएम को याद दिलाना चाहते हैं कि वो आंदोलनजीवी ही थे, जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासकों से मुक्त करवाया था और इसीलिए हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व भी है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी के इस बयान पर सख्त रुख अपनाते हुए बीजेपी को जमकर निशाने पर लिया. किसान संगठनों ने कहा कि,

“ये बीजेपी और उसके पूर्वज ही हैं, जिन्होंने कभी भी अंग्रेजों के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं किया. वो हमेशा जन आंदोलनों के खिलाफ थे इसलिए वो अभी भी जन आंदोलनों से डरते हैं.”

सरकार के रवैये से पैदा हो रहे आंदोलनजीवी

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, "अगर सरकार अब भी किसानों की मांगों को स्वीकार करती है, तो किसान वापस जाकर पूरी मेहनत से खेती करने के लिए अधिक खुश होंगे. ये सरकार का अड़ियल रवैया है जिसके कारण ये आंदोलन लंबा हो रहा है जो कि आंदोलनजीवी पैदा कर रहा है."

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MSP पर बयान नहीं गारंटी चाहिए- SKM

किसान संगठनों ने आगे पीएम मोदी के उस बयान का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि एमएसपी जारी थी, जारी है और जारी रहेगी. किसान मोर्चा ने कहा, एमएसपी पर खाली बयानों से किसानों को किसी भी तरह से फायदा नहीं होगा और अतीत में भी इस तरह के अर्थहीन बयान दिए गए थे. किसानों को वास्तविकता में और समान रूप से टिकाऊ तरीके से तभी लाभ होगा जब सभी फसलों के लिए एमएसपी को खरीद समेत कानूनी गारंटी दी जाती है.

बयान में आगे कहा गया कि, हम सभी तरह के FDI का विरोध करते हैं. पीएम का एफडीआई दृष्टिकोण भी खतरनाक है, यहां तक कि हम खुद को किसी भी FDI “विदेशी विनाशकारी विचारधारा” से दूर करते हैं. हालांकि, SKM रचनात्मक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के साथ खड़ा है जो दुनिया में कहीं भी बुनियादी मानवाधिकारों को बनाए रखते हैं और पूरी दुनिया में सभी न्यायसंगत विचारधारा वाले नागरिकों से समान पारस्परिकता की अपेक्षा करते हैं, क्योंकि “कहीं भी हो रहा अन्याय हर जगह के न्याय के लिए खतरा है.”

महापंचायतों के समर्थन से मिली ताकत

साथ ही किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया कि, SKM किसानों की मांगों को गंभीरता से और ईमानदारी से हल करने में सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है. हम इस तथ्य पर सवाल उठाते हैं कि सरकार किसान संगठनों को ड्राफ्ट बिल वापस लेने का आश्वासन देने के बावजूद विद्युत संशोधन विधेयक संसद में पेश कर रही है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में किसान महापंचायतों द्वारा दिए गए विशाल समर्थन से दिल्ली के धरनों पर बैठे किसानों में उत्साह बढ़ा है. आने वाले दिनों में इन महापंचायतो से किसान दिल्ली धरनों में शामिल होंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि उनके वीडियो ट्विटर के बाद अब यूट्यूब से भी हटाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "ट्विटर अकाउंट्स के बाद, चल रहे किसान आंदोलन से संबंधित कई वीडियो को YouTube से हटा दिया गया है. हम लोगों की आवाज को दबाने के इन प्रयासों का कड़ा विरोध करते हैं."

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