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मुंबई में सोमवार को किसानों के ऐतिहासिक मार्च के बाद दिल्ली में भी किसानों ने मार्च किया है. देशभर के किसानों में संसद मार्ग में प्रदर्शन किया.
भारतीय किसान यूनियन की अगुआई में हजारों किसानों ने संसद मार्ग में प्रदर्शन किया. इस वक्त संसद सत्र भी चल रहा है और उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद में उनकी दिक्कतों पर चर्चा होगी. किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनको जो वादे किए थे वो अब तक पूरे नहीं हुए हैं. किसानों के मुताबिक इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
किसानों का कहना है कि गर्मियों में पानी की दिक्कत बहुत ज्यादा हो जाती है और ट्यूबवेल के इस्तेमाल से उनपर बिजली या डीजल का भारी बोझ पड़ता है.
इस प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादा किसान हिस्सा ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि भूमि सुधार के मोर्चे पर कोई खास काम नहीं हुआ है. इसके अलावा कर्ज की वजह से किसानों को आत्महत्या करने को मजबूर करना पड़ रहा है.
मुंबई में भी किसानों ने 4 बड़ी मांगे सामने रखीं थीं सरकार के सामने.
किसानों के प्रतिनिधियों से बैठक के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने वादा किया है कि छै महीने के अंदर किसानों की दिक्कतों से निपटने का रोडमैप सामने रखा जाएगा.
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