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विज्ञान भवन में शनिवार को किसान नेताओं के साथ मोदी सरकार के तीन मंत्रियों की हुई पांचवें राउंड की मीटिंग पहले से अलग रही. इस बार गरमागरम माहौल में बैठक हुई. मोदी सरकार के तीनों मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश का मिजाज भले ही नरम रहा हो, लेकिन किसान नेता मांगों को लेकर मुखर रहे.
यहां तक कि बात न बनने पर किसान नेताओं ने विज्ञान भवन से बाहर जाने की बात कह दी. किसान नेताओं की बायकाट की चेतावनी पर मीटिंग बाधित हुई. पूरे पांच घंटे चली मीटिंग में कई मौके ऐसे आए, जब बातचीत पटरी से उतरती दिखी. हालांकि, मंत्रियों ने मामले को संभाल लिया.
विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे से पांचवें राउंड की बैठक शुरू हुई. करीब ढाई घंटे बाद लंच ब्रेक हुआ. किसानों ने फिर से सरकारी खाना ठुकराते हुए अपना खाना मंगाकर फर्श पर बैठकर खाया. लंच के बाद जब फिर से दूसरे दौर की बैठक शुरू हुई तो किसानों ने यस-नो का प्लेकार्ड लहराना शुरू कर दिया. किसान नेताओं ने मंत्रियों से कहा,
इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बार-बार बैठकों की तारीख देकर मामले को टाल रही है. तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग मानने की जगह सरकार टालमटोल कर रही है. अगर बैठक में स्पष्ट आश्वासन नहीं मिलता तो फिर सभी किसान नेता बायकॉट कर देंगे. इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बैठक के बहिष्कार से कोई हल नहीं निकलने वाला है. जो कुछ गलतफहमियां रह गई हैं, उन्हें नौ दिसंबर की बैठक में चर्चा कर सुलझाने की कोशिश होगी, मंत्रियों ने 8 दिसंबर को भारत बंद की अपील वापस लेने की अपील की, लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट मना कर दिया. उनका कहना था कि जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेगी, आंदोलन जारी रहेगा.
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